सांस लेना मुश्किल, हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में, गाड़ियों ने दी प्रदूषण बढ़ाने में 50% हिस्सेदारी
- प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी पर बुरा असर
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सर्दियां बढ़ने के साथ-साथ राजधानी दिल्ली का मौसम भी खराब हो रहा है। ये बात हम नहीं बल्कि रिपोर्ट्स कह रही है। दिवाली में हुई आतिशबाजी, पराली और गाड़ियों ने मिलकर दिल्ली की हवा में जहर घोल दिया है, जिसकी वजह से शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता "बेहद खराब" श्रेणी में जा पहुंची। पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी पर बुरा असर पड़ा है।
शुक्रवार यानि कि आज राजधानी की औसत एक्यूआई 360 दर्ज की गई। लेकिन, कई इलाकों में ये आंकड़ा 700 से अधिक था, जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी, घुटन, गले और नाक में खराश, आंखों में जलन जैसी परेशानी हो रही है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में AQI का स्तर 360 बताया, जो कि, "बेहद खराब" श्रेणी में आता है।
प्रदूषण बढ़ाने में 50% गाड़िया जिम्मेदार
राजधानी की हवा को जहरीली बनाने के लिए 50% हिस्सेदारी गाड़ियों ने दी। ये बात हम नहीं बल्कि, 24 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच की सीएसई रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट में आईआईटीएम पुणे के डिसिजन सपोर्ट सिस्टम से मिले रियल टाइम डेटा को लिया गया है, जिसकी मदद से प्रदूषण के सोर्स का पता लगाना आसान होता है। गाड़ियों के अलावा सीएसई ने 27 अक्टूबर-6 नवंबर के बीच ट्रैफिक स्पीड के ट्रेंड पर भी काम किया, जिसके बाद एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि, बढ़ती सर्दियों में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियां ही साबित हुई है। दूसरा कारण घरों से निकलने वाला प्रदूषण है। घरों ने 12.5-13.5% तक प्रदूषण में हिस्सेदारी दी। वहीं तीसरे नंबर पर इंडस्ट्री का प्रदूषण रहा, जिसने 9.9-13.7 % तक हिस्सेदारी दी।
Created On :   12 Nov 2021 12:07 PM IST