भारत में वैक्सीन: एम्स निदेशक गुलेरिया बोले- अगले महीने तक भारत को मिल जाएगी कोरोना की वैक्सीन
- 70 हजार - 80 हजार स्वयंसेवकों ने लगवाया टीका
- कोरोना की लहर में गिरावट हुई
- प्राथमिकता के आधार पर दी जानी चाहिए वैक्सीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर अब थमती नजर आ रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के करीब 35 हजार नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में दिल्ली भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने खुशी जाहिर की है। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि भारत में अब हमारे पास ऐसे टीके हैं, जिनका परीक्षण अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में हमें भारतीय नियामक अधिकारियों से टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम कोरोना ग्राफ देख रहे हैं और अगर नियमों का पालन करते रहे तो यह गिरावट जारी रहेगी। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि आने वाले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं। अगर हम सावधानी बरतना जारी रखते हैं तो कोरोना महामारी के खतरे को टाल सकते हैं। कोरोना वैक्सीन पर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में जो टीके बनाए जा रहे हैं, वह अंतिम चरण के ट्रायल में है। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जताई कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत तक हमें कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी वैक्सीनाइजेशन की इजाजत मिल जाए। हमें वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है, जिससे जनता को वैक्सीन देना शुरू किया जा सके।
70 हजार - 80 हजार स्वयंसेवकों ने लगवाया टीका
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छा डेटा उपलब्ध है कि टीके बहुत सुरक्षित हैं। वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता से कोई समझौता नहीं किया गया है। 70 हजार - 80 हजार स्वयंसेवकों ने टीका लगवाया, कोई महत्वपूर्ण गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया। डेटा से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है। चेन्नई परीक्षण के दौरान टीके के प्रभाव को लेकर आई खबरों पर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि चेन्नई परीक्षण का मामला वैक्सीन से संबंधित होने के बजाय एक आकस्मिक घटना है। जब हम बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाते हैं, तो उनमें से कुछ को कोई न कोई बीमारी हो सकती है, जो टीके से संबंधित नहीं होती।
कोरोना की लहर में गिरावट हुई
देश में कोरोना के मामलों को लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक ने कहा कि अब हम वर्तमान कोरोना लहर में गिरावट देख रहे हैं और मुझे आशा है कि यह जारी रहेगी। हमें कोविड-19 के मद्देनजर उपयुक्त व्यवहार करना होगा। यदि हम अगले तीन महीनों तक उचित व्यवहार को जारी रखते हैं तो हम महामारी के मामले में एक बड़ा परिवर्तन करने के करीब पहुंच जाएंगे।
प्राथमिकता के आधार पर दी जानी चाहिए वैक्सीन
टीकाकारण को लेकर एम्स निदेशक ने कहा कि शुरुआत में टीका सभी को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होगा। हमें यह देखने के लिए एक प्राथमिकता सूची की आवश्यकता है कि हम उन लोगों का टीकाकरण करें जिनकी कोविड के कारण मरने की संभावना अधिक है। बुजुर्गों, अन्य बीमारियों से पीड़ित और फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहले टीका लगाया जाना चाहिए। बूस्टर खुराक दिए जाने के बाद, टीका शरीर को अच्छी मात्रा में एंटीबॉडीज का उत्पादन शुरू कर देगा। यह कई महीनों तक सुरक्षा प्रदान करेगा। तब तक वायरस के संक्रमितों की संख्या कम हो जाएगी।
Created On :   3 Dec 2020 8:20 PM IST