क्वाड और ब्रिक्स के बाद भारत के लिए बना एक और नया संगठन, I2U2 बनने से डरा ड्रैगन
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- सुधारात्मक संबंध से समुद्र की सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद दुनिया दो धड़ों में बंटी नजर आ रही हैं। एक तरफ ज्यादातर पश्चिमी देश एक जुट होकर रूस के खिलाफ नजर आ रहे हैं। इसके लिए अधिकतर पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। अमेरिका, भारत, इस्राइल और यूएई एक नया समूह आई2यू2 बना रहे हैं। जिससे भारत, इस्राइल, यूएई और अमेरिका के बीच सुधारात्मक संबंध स्थापित होगे। इस प्रकार के समूह बनने से चीन घबराया हुआ है।
वहीं चीन और भारत ने रूस का ना तो साथ दिया ना ही उसके खिलाफ नजर आए। दोनों ही देश अन्य विरोधी देशों की तुलना में हर मुद्दे पर तटस्थ नजर आए। जिससे दुनिया में भारत की एक अलग पहिचान कायम हुई और उसका साथ लेने के लिए अमेरिका कई प्रयास कर रहा हैं। अमेरिका को चिंता है कि भारत का साथ लिए बिना दुनिया के नक्शे पर महाशक्ति के रूप में उभरते चीन का सामना करना कठिन होगा। इसके लिए अमेरिका ने समय समय पर क्वाड समूह के साथ बैठक की। चूंकि ब्रिक्स संगठन में चीन भारत दोनों शामिल है, इससे अलग अमेरिका एक और नया संगठन आई2यू2 बनाने जा रहा है, जिसमें भारत, अमेरिका, इस्राइल और यूएई शामिल हैं। इस नये ताकतवर सांगठनिक समूह का I2U2 नाम रखा गया हैं। इसमें आई-2 का मतलब इंडिया और इस्राइल है, जबकि यू-2 का मतलब यूएस और यूएई है। दरअसल, अगले महीने की 12 जुलाई से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पश्चिम एशिया के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान बाइडन I2U2 समूह में शामिल देशों के प्रमखों के साथ पहली वर्चुअली बैठक भी करेगे। इस दौरान जो बाइडन खाद्य सुरक्षा संकट और सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर इस्राइल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बैनेट, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद से चर्चा करेंगे।
खबरों के मुताबिक दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति भारत भी आ सकते हैं, क्योंकि दो दिन पहले ही उन्होंने भारत-अमेरिका के रिश्तों पर बयान दिया था। एक निजी न्यूज वेबसाइट के मुताबिक बाइडन 13 जुलाई को इस्राइल से अपने दौरे की शुरुआत करेंगे और फिलस्तीनी अधिकारियों से बातचीत के लिए वेस्ट बैंक भी जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन सऊदी किंग सलमान के न्योते पर जेद्दा पहुंचेंगे और गल्फ कोऑपरेशन परिषद के सम्मेलन में पार्टिसिपेट करेंगे। जिसमें मिस्र, इराक और जॉर्डन समेत नौ देशों के शीर्ष नेता शामिल होंगे।
इससे पहले पिछले साल अक्टूबर 2021 में पहली बार भारत, इस्राइल, यूएस और यूएई के विदेश मंत्रियों की मीटिंग हुई थी, उस समय समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचा से जुड़ी , डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े विषयों पर बातचीत हुई थी। यूएई ने इस नए गुट को "पश्चिमी एशिया का क्वॉड" बताया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक I2U2 में मार्केटिंग, तकनीक, सुरक्षा, पर्यावरण, और कोविड़ से पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर बातचीत होने की संभावना हैं।
Created On :   20 Jun 2022 2:58 PM IST