वैक्सीन पर नया शोध, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांएं ही बच्चों के लिए किसी दवा से कम नहीं

After getting the vaccine, its benefit is not only for the mother but also for the newborn.
वैक्सीन पर नया शोध, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांएं ही बच्चों के लिए किसी दवा से कम नहीं
मां के दूध से हारेगा कोरोना वैक्सीन पर नया शोध, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांएं ही बच्चों के लिए किसी दवा से कम नहीं
हाईलाइट
  • नवजात बच्चों के शरीर में SARS-CoV-2 नामक एंटीबॉडी मिली है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, राजा वर्मा। विश्व में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इसके लिए वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया जा रहा है। नवजात शिशु को दूध पिलाने वाली मां को वैक्सीन का डोज लगवाना चाहिए या नहीं इसको लेकर लोगों में भले ही असमंजस बना हुआ है। लेकिन इसी बीच एक शोध में दावा किया गया है वैक्सीन का फायदा केवल मां को ही नहीं बल्कि उसके नवजात शिशु को भी मिल रहा है। 

युनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद के जिन मांओं ने अपने नवजात शिशु को दूध पिलाया है। उन बच्चों के शरीर में एंटीबॉडी पाई गई है। जो शिशुओं को कोरोना से लड़ने में उनकी सहायता करेगी। दरअसल रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नवजात बच्चों के शरीर में SARS-CoV-2 नामक एंटीबॉडी मिली है।

इससे ही वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि वैक्सीनेशन का फायदा केवल मां को ही नहीं बल्कि शिशुओं को भी मिल रहा है। ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नई-नई मां बनने वाली महिलाओं और उनके नवजात शिशु को वैक्सीनेशन से किसी तरह का खतरा नहीं है।

रिसर्च की प्रक्रिया 
इस रिसर्च में अमेरिका के ज्यादातर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया था। जिसमें 30 ऐसी स्तनपान कराने वाली महिलाएं थीं, जिन्हें जनवरी से अप्रैल 2021 के बीच कोविड-19 एमआरएनए वैक्सीन की डोज लगाई गयी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि वैक्सीन लगने से पूर्व, अपनी पहली डोज के दो से तीन सप्ताह के बाद और दूसरी डोज के तीन सप्ताह बाद तक महिलाओं के दूध के सैंपल लिए गए थे। 
   
इस रिसर्च में निर्धारित किए गए अलग-अलग समय पर महिलाओं के ब्लड सैम्पल और शिशु के मल के नमूने भी लिए गए। जिसका रिसर्च में इस्तमाल किया गया गया था। और रिसर्च में यह पाया गया कि मांओ के दूध के जो सैम्पल लिए गए थे उसमें, SARS-CoV-2 के साथ ही चार तरह के प्रोटीन स्पाइक को बेअसर करने के लिए एंटी-आरबीडी आईजीजी एंटीबॉडी पाई गई थी।

साथ ही  शोध के लेखक विग्नेश नारायणस्वामी ने इस रिसर्च में पाया  कि वैक्सीन के लगने के बाद जिन महिलाओं ने बीमार महसूस किया था। उनके बच्चों में अधिक एंटीबॉडी देखने को मिली हैं।  

    

 
 

Created On :   14 Jan 2022 5:36 PM IST

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