ताज ट्रेपेजिम जोन में ही रहेंगी 500 दुकानें, जानिए क्यों इस जोन से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बंद हुए थे सभी कारखाने, अब क्यों मिल गई दुकानदारों को इजाजत?

500 shops of Taj Trapezium Zone will remain in the safe zone till the next order of the apex court
ताज ट्रेपेजिम जोन में ही रहेंगी 500 दुकानें, जानिए क्यों इस जोन से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बंद हुए थे सभी कारखाने, अब क्यों मिल गई दुकानदारों को इजाजत?
ताज ट्रेपेजियम जोन ताज ट्रेपेजिम जोन में ही रहेंगी 500 दुकानें, जानिए क्यों इस जोन से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बंद हुए थे सभी कारखाने, अब क्यों मिल गई दुकानदारों को इजाजत?
हाईलाइट
  • अगले आदेश तक दुकान हुए सेफ

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आगरा विकास प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने ताज ट्रिपोजियम जोन के अंदर स्थित 500 दुकानों को हटाने से रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से कहा कि अगर आप उनका पुनर्वास नहीं कर सकते तो क्यों ना वहीं रहने दिया जाए। जिसका जवाब देते हुए यूपी सरकार ने कहा कि पुनवार्स के लिए विचार किया जा रहा है और जल्द ही एक कमेटी दुकानदारों को पुनर्वास के लिए फैसला लेगी।  वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एनआईआरआई को तीन महीने का समय दिया है। जिसमें वह दुकानदारों को पुनर्वास के लिए अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शीर्ष अदालत के अगले आदेश तक ट्रिपोजियम जोन के अंदर स्थित 500 दुकानें अभी मौजूद रहेंगी।

अगले आदेश तक रहेंगी दुकानें

आगरा विकास प्राधिकरण ने ताजमहल के पश्चिमी दरवाजे के पास स्थित ताजगंज बाजार में 500 मीटर दायरे में मौजूद जितने भी निर्माण हुए उन सबको हटाने के आदेश दिए थे। प्राधिकारण ने सभी दुकानदारों को नोटिस भी थमा दिया था। जिनमें साफ लिखा था कि बाजार से सभी लोग अपनी दुकाने हटा लें, नहीं तो तमाम दुकानों पर बुलडोजर चलेगा, साथ ही जितना खर्च आएंगे वो दुकान मलिकों से ही वसूला जाएगा। जिसके तुरंत बाद व्यापारियों ने शीर्ष अदालत का रूख किया और आगरा विकास प्राधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी। दुकानदारों ने शीर्ष अदालत में अपना तर्क दिया था कि ताजगंज बाजार की एक अलग ही खासियत है। इस बाजार को शाहजहां के फरमान और इच्छा पर बसाया गया था । अब इसे हटाने की कोशिश की जा रही है। जो पूरी तरह से गलत है।

खुश हुए व्यापारी

सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों की दलील को स्वीकार करते हुए आगरा प्राधिकारण को आदेश दिया कि अगले आदेश तक बाजार की सारे दुकाने और निर्माण नहीं हटाए जाएंगे। वहीं कोर्ट ने प्राधिकरण को आदेश दिया कि वो सभी नोटिस वापस ले। शीर्ष अदालत में याचिका लगाने वाले संदीप अरोड़ा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब जाकर मुझे संतोष हुआ है। ये जीत आगरा और इसकी संस्कृति की है। कोर्ट के इस आदेश के बाद आगरा विकास प्राधिकरण का अगला कदम क्या होगा यह देखना होगा। 

क्या है ताज ट्रेपेजियम?

दरअसल, ताजमहल से ताज ट्रेपेजियम जोन 10,400 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमें 40 से अधिक संरक्षित स्मारक आते हैं। जबकि इनके अतिरिक्त तीन विश्व धरोहर स्थल जैसे ताजमहल, आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी शामिल हैं। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने साल 1996 में ताज ट्रेपेजियम जोन घोषित किया था। जबकि साल 2018 में ट्रेपेजियम जोन में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी।

क्या रही वजह?

ताजमहल एक विश्व धरोहर के साथ भारत का राष्ट्रीय स्मारक भी है। इसके संरक्षण के लिए ट्रेपेजियम जोन सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी। ताजमहल समेत ट्रेपेजियम के अंदर आने वाले 40 संरक्षित स्मारकों को संरक्षण के लिए शीर्ष अदालत ने एक अहम कदम उठाया था। कोर्ट ने ट्रेपजियम में आने वाले उद्योगों को बंद करने या शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए थे। इन उद्योगों में खासतौर से कोयला या खतरनाक काला धुआं छोड़ने वाले उद्योग शामिल थे।  इस फैसले की वजह थी, ताज की रंगत पर उन उद्योगों के काले धुएं का असर पड़ना। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक सभी उद्योगों को हटाने या बंद करने के निर्देश दिए थे।

चार जोन में बंटा है ट्रेपेजियम

राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करने के लिए ताज ट्रेपेजियम को चार भाग में बांटा गया है। जिनमें रेड, ग्रीन, ऑरेंज और व्हाइट भाग है। रेड का अर्थ है कि ये बहुत ही सेनसिटिव क्षेत्र है। जिसमें आप किसी भी प्रकार के कोई भी निमार्ण का काम नहीं कर सकते हैं। जिससे राष्ट्रीय धरोहर को क्षति पहुंचे। वहीं ट्रेपेजियम आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस, एटा समेत राजस्थान के भरतपुर जिले तक फैला है।

 

Created On :   17 Jan 2023 9:55 AM GMT

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