CAA के विरोध के बीच 30 हजार शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, 4 लाख की FD, कैश और जमीन
- 4 लाख रुपए की FD के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट मिलेगा
- ब्रू आदिवासी त्रिपुरा के वोटर लिस्ट में शामिल होंगेः अमित शाह
- संघर्ष के चलते 25 साल से करीब 30 हजार ब्रू आदिवासी बतौर शरणार्थी थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में एक तरफ CAA के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला अब भी जारी है। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने 25 से मिजोरम मिजोरम और त्रिपुरा के बीच चल रहा ब्रू जनजाति के शरणार्थियों का मुद्दा सुलझा लिया गया है। इसके तहत केंद्र की मोदी सरकार 30 हजार ब्रू रिफ्यूजियों को त्रिपुरा में बसाएगी। यही नहीं सरकार इन रिफ्यूजियों को रहने के लिए प्लॉट, खेती के लिए जमीन, 4 लाख की FD और अगले दो साल तक 5 हजार रुपए महीने की मदद भी दी जाएगी। इतना ही नहीं ब्रू जनजाति को त्रिपुरा की वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ब्रू शरणार्थी समस्या का समाधान करते हुए उनको मिजोरम से त्रिपुरा में बसाने के फैसले पर सहमति पर समझौता कराया। समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के समय मिजोरम और त्रिपुरा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने बधाई देते हुए कहा कि आखिरकार 25 साल बाद ये मुद्दा सुलझ गया है। इसके लिए उन्होंने त्रिपुरा सरकार और त्रिपुरा के महाराज को धन्यवाद कहा, जिनके कारण ये समझौता हो सका। शाह ने कहा कि केंद्र ने इसके लिए 600 करोड़ का पैकेज दिया है।
Delhi: Union Home Minister Amit Shah and representatives of Bru refugees sign an agreement to end crisis of Bru refugees from Mizoram and for their settlement in Tripura, in presence of Tripura CM Biplab Kumar Deb and Mizoram Chief Minister Zoramthanga. pic.twitter.com/SFSa4OY99u
— ANI (@ANI) January 16, 2020
गृहमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, त्रिपुरा के महाराजा के अलावा कई अन्य नेताओं को बधाई। 1997 में मिजोरम से करीब 30 हजार लोग त्रिपुरा के टेंपरेरी कैंप में रखे गए थे और इनको सम्मान के साथ रखने की व्यवस्था की गई थी। गौरतलब है कि मिजोरम में मिजो और ब्रू जनजाति के बीच संघर्ष के चलते करीब 30 हजार ब्रू जनजाति के लोग त्रिपुरा में रिफ्यूजी बनकर रह रहे थे। भारत सरकार, मिजोरम सरकार और त्रिपुरा सरकार के बीच शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत सरकार का कितना पैकेज
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने 600 करोड़ रुपए का पैकेज इन 30 हजार लोगों को दिया है। ये पूर्वोत्तर का बहुत पुराना मसला था, जिसका आज हल निकाल लिया गया है। अब मिजोरम और त्रिपुरा की सरकार केंद्र सरकार की मदद से इनके कल्याण के लिए काम करेगी। उन्होंने आगे कहा कि एनएफएफटीएसडी आतंकी संगठन के 88 लोगों का त्रिपुरा में सरेंडर और यह समझौता त्रिपुरा की दिक्कतों को सुलझाने के मामले में भारत सरकार का बेहतरीन प्रयास है।
यह है पूरा मामला
साल 1997 में जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू-रियांग जनजाति के परिवारों ने मिजोरम से त्रिपुरा में शरण ली जिनको वहां कंचनपुर, उत्तरी त्रिपुरा में अस्थायी शिविरों में रखा गया। इन परिवारों में करीब 30,000 व्यक्ति शामिल थे। साल 2014 तक विभिन्न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिजोरम वापस गए। 3 जुलाई, 2018 को भारत सरकार, मिजोरम, त्रिपुरा सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके बाद ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में काफी बढ़ोतरी की गई। समझौते के उपरांत 2018-19 में 328 परिवार, जिसमें 1369 व्यक्ति थे, त्रिपुरा से मिजोरम इस नए समझौते के तहत वापस गए।
Created On :   17 Jan 2020 6:37 PM GMT