200 बच्चों ने किया सीएम और मंत्रियों के रुप में राजस्थान विधानसभा सत्र का संचालन
- यह पहली बार था
- जो राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन किया गया
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बाल दिवस पर नजारा कुछ और ही था, जब अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के रूप में 200 बच्चों ने विधानसभा सत्र का संचालन किया। सत्र के दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों को उठाया और विभिन्न विषयों पर सवालों के जवाब दिए, मसलन, बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार के प्रयास, किसानों की समस्याएं, बाल श्रम, बच्चों में पोषण की कमी, पर्यटन को बढ़ावा देना, परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट निलंबन, लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, बिजली संकट आदि से बिजली की किल्लत से जुड़े हुए मसले।
यह पहली बार था जब रविवार को बाल दिवस के अवसर पर राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन किया गया। युवा मंत्री हर सवाल पर पूरी तैयारी के साथ सदन में आए थे। हर्ष जहां सदन के नेता बने, वहीं वैभवी गोयल ने विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई। जाह्न्वी शर्मा प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष बनीं और विधायकों को सवाल पूछने के साथ-साथ संबंधित मंत्रियों को जवाब देने के लिए आमंत्रित किया। असहमति पर सदन में विपक्ष की नाराजगी, वॉकआउट और अध्यक्ष के प्रति सम्मान दिखाने वाले सदस्यों की आज्ञाकारिता ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र अविस्मरणीय रहेगा।
उन्होंने कहा, देश की भावी पीढ़ी ने जिस व्यवस्थित तरीके और अनुशासन से सत्र का संचालन किया है, उससे देश के युवाओं को भी संदेश जाएगा कि लोकतंत्र में वे क्या भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, संसद और विधानसभा में कानून बनाते समय चर्चा का अभाव चिंता का विषय है। उन पर चर्चा करना जरूरी है क्योंकि इससे निष्कर्ष निकलता है। इस प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी भी जरूरी है क्योंकि कानून उनके लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत नवाचार है, जो अन्य राज्यों में भी किया जाना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा, संसदीय लोकतंत्र की परंपरा के कारण हमारा देश हर मापदंड पर विकसित देशों में खड़ा हुआ है।
उन्होंने बताया कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में बाल सत्र का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा, ऐसा सत्र देश में पहली बार हुआ है और इससे हमें लोकतंत्र के बारे में बच्चों की जिज्ञासा को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बाल सत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले 15 राज्यों के 5500 बच्चों में से 200 बच्चों का चयन किया गया था। सीएम अशोक गहलोत ने कहा, सदन में बैठे 200 बच्चे देश के करोड़ों बच्चों के साथ-साथ देश के भविष्य के भी प्रतिनिधि हैं। ऐसे जागरूक बच्चे देश की समस्याओं के समाधान और भविष्य में नीति निर्मा ण में अहम भूमिका निभाएंगे।
(आईएएनएस)
Created On :   15 Nov 2021 6:00 PM IST