गैंगरेप: 5 वर्षीय बच्ची के साथ निर्भया जैसी बर्बरता, मनोज और प्रदीप दोषी करार, 30 को सजा पर फैसला
- 40 घंटे बाद कई सर्जरी के बाद बच्ची को किसी तरह बचाया जा सका था
- कोर्ट ने कहा- मामले ने समाज की सामूहिक चेतना को हिलाकर रख दिया
- दोषियों ने 5 साल की बच्ची के साथ 24 से ज्यादा घंटों तक दुष्कर्म किया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप मामले में 6 साल बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोनों आरोपी प्रदीप और मनोज को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने शनिवार को पॉक्सो, किडनैपिंग, गैंगरेप और सबूत मिटाने के मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट मामले में दोषियों को 30 जनवरी को सजा सुनाएगा। दोषियों ने 15 अप्रैल 2013 को 5 साल की बच्ची के साथ 24 से ज्यादा घंटों तक बंधक बनाकर दुष्कर्म किया था। यही नहीं दोनों ने बच्ची के साथ भी निर्भया की तरह बर्बरता की थी।
दोषी ने दो पत्रकारों पर किया हमला
सजा मिलने के बाद कोर्ट से बाहर आते हुए एक दोषी ने न्यूज चैनल की महिला पत्रकार पर हमला कर दिया। वीडियो में दिख रहा है कि कोर्ट से बाहर निकलते समय पत्रकार अनीषा माथुर दोषियों का वीडियो बना रही थी। इसी दौरान एक दोषी ने उन पर हमला कर दिया। यही नहीं दोषी ने एक अन्य पत्रकार सुशांत मेहरा पर भी हमले की कोशिश की। हालांकि इसमें किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई है।
Karkardooma Court in Delhi: One of the two convicts in 2013 kidnapping and rape case of a 5-year-old girl in Gandhi Nagar, attacked journalists and tried to snatch their mobile phones also, while coming out from the court after hearing. https://t.co/gnGKiQcbN4 pic.twitter.com/fqb3qCvgqQ
— ANI (@ANI) January 18, 2020
एडिशनल सेशन जज नरेश कुमार मल्होत्रा ने मनोज शाह और प्रदीप कुमार को दोषी करार देते हुए कहा कि 5 साल की बच्ची के साथ असाधारण जुल्म और भयानक बर्बरता हुई। कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारे समाज में बच्चियों को देवी की तरह पूजा जाता है, लेकिन इस मामले ने समाज की सामूहिक चेतना को हिलाकर रख दिया।
A Delhi Court has convicted two accused, Manoj Kumar and Pradeep, in connection with a 2013 kidnapping and rape case of a 5-year-old girl in Gandhi Nagar. The court will hear the argument on quantum of sentence on January 30.
— ANI (@ANI) January 18, 2020
गुड़िया के शरीर से मोमबत्ती और कांच की शीशी भी निकली थी
मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब निर्भया गैंगरेप केस के 4 महीने बाद ही 15 अप्रैल 2013 को 5 साल की गुड़िया को 2 लोगों ने अपहरण कर उसका गैंगरेप किया। दोनों गुड़िया के पड़ोसी थे। गैंगरेप के बाद दोनों दोषी गुड़िया को कमरे में मरा समझकर छोड़ भागे थे। गुड़िया के शरीर से मोमबत्ती और कांच की शीशी भी निकली थी। बच्ची को 40 घंटे बाद 17 अप्रैल 2013 को कई सर्जरी के बाद उसे किसी तरह बचाया जा सका था।
मुजफ्फरपुर और दरभंगा से हुए थे गिरफ्तार
मामले की सुनवाई पूरी होने में वक्त इसलिए भी लगा, क्योंकि प्रदीप ने खुद को नाबालिग बताकर मामले को लंबा खींचने की कोशिश की थी। घटना को अंजाम देने के बाद मनोज शाह और प्रदीप कुमार लापता हो गए थे, जिन्हें बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पीड़िता के पिता ने कहा, दो साल में हो जाना था ट्रायल
पीड़िता के पिता ने आखिरकार न्याय मिलने पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि, "ट्रायल को 2 साल में ही पूरा हो जाना चाहिए था। फिर भी हम खुश हैं कि 7 साल बाद ही सही हमें न्याय मिला।" उसी साल 24 मई को चार्जशीट फाइल की गई थी और 11 जुलाई को कोर्ट ने आरोप तय किए थे। अभियोग पक्ष के 57 गवाहों के बयान रिकॉर्ड करने में 6 साल से अधिक का वक्त लगा दिया।
Created On :   18 Jan 2020 7:41 PM IST