2 BJP minister resignation accepted by CM Mehbooba Mufti

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के फॉरेस्ट मिनिस्टर लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा का इस्तीफा सीएम महबूबा मुफ्ती ने मंजूर कर लिया है। इन दो इस्तीफों के साथ ही राज्य की पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्रियों की संख्या 22 पहुंच गई है। बता दें कि दोनों मंत्रियों पर कठुआ गैंगरेप के आरोपियों का समर्थन करने का आरोप लगा था।

महबूबा मुफ्ती ने मंजूर किया इस्तीफा
रविवार को जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी के दोनों मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर करते हुए उसे गवर्नर के पास भेज दिया। राज्य बीजेपी के अध्यक्ष सत शर्मा को दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा सौंपा था, जिनको महबूबा सरकार के पास भेज दिया गया। महबूबा सरकार ने मंजूरी के बाद इस्तीफे पर औपचारिक मुहर के लिए राज्यपाल एनएन वोहरा को भेजा। महबूबा सरकार में बीजेपी कोटे से 9 मंत्री हैं। दो मंत्रियों के इस्तीफे के साथ राज्य में अब कुल 3 मंत्रियों के पद रिक्त हो गए हैं। पिछले महीने राज्य सरकार ने वित्त मंत्री हसीब द्राबू को बर्खास्त कर दिया था।

पार्टी ने नहीं मांगा था इस्तीफा
सत शर्मा ने इस्तीफा मिलने पर कहा था, दोनों मंत्रियों से पार्टी ने इस्तीफा नहीं मांगा था। नैतिकता के आधार पर इन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है। वहीं उन्होंने बताया था कि शनिवार को राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की मौजूदगी में होने वाली विधायक दल की बैठक में इस्तीफा स्वीकार करने पर फैसला लिया जाएगा। यहां हम आपको ये बता दें कि पिछले महीने इन दोनों मंत्रियों ने कठुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए गैंगरेप केस के आरोपियों का बचाव किया था। यह रैली हिंदू एकता मंच ने आयोजित की थी। इस मामले में दोनों नेताओं से क्राइम ब्रांच ने भी पूछताछ की थी।

दबाव में दिया इस्तीफा
दोनों मंत्रियों के इस्तीफे के पीछे एक वजह ये भी मानी जा रही है कि गठबंधन सहयोगी पीडीपी और पीएमओ का दबाव था। पीडीपी विधायकों का कहना था कि भाजपा के इन मंत्रियों की वजह से पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसका सीधा खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता था। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से भी दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने में देरी पर सवाल उठाए गए थे। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर सीएम महबूबा से उनपर कार्रवाई करने की मांग की थी।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी। 

Created On :   15 April 2018 2:05 PM GMT

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