ओमिक्रॉन के 183 मामलों का विश्लेषण किया गया, 87 मरीजों का हो चुका है पूर्ण टीकाकरण
- 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं शामिल हुई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में अब तक विश्लेषण किए गए कुल 183 ओमिक्रॉन मामलों में से 87 मरीजों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है, जबकि इनमें से तीन को बूस्टर खुराक भी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुल विश्लेषण किए गए ओमिक्रॉन मामलों में से 61 प्रतिशत पुरुष जबकि 39 प्रतिशत महिलाएं हैं। देश में मौजूदा कोविड महामारी की स्थिति पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 358 मामले सामने आए हैं और इनमें से 114 ठीक हो गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 183 ओमिक्रॉन मामलों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें पता चला कि 121 मामलों में विदेश यात्रा का इतिहास था, 44 का कोई विदेश यात्रा इतिहास नहीं था, लेकिन उनमें से अधिकांश विदेशी यात्रियों के संपर्क में थे। हालांकि, 18 रोगियों के पास अभी तक यात्रा की कोई जानकारी नहीं है। इन विश्लेषण किए गए ओमिक्रॉन मामलों के टीकाकरण की स्थिति के बारे में, भूषण ने कहा कि 87 रोगियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है और इनमें से तीन को बूस्टर खुराक के साथ टीका लगाया गया है। बूस्टर डोज वाले इन तीन में से दो मरीज दिल्ली और एक महाराष्ट्र का है।
सात रोगियों को टीका नहीं लगाया गया है और दो को आंशिक रूप से (एक खुराक) टीका लगाया गया है जबकि 16 वैक्सीन लेने के लिए अयोग्य हैं। उन्होंने कहा कि 73 रोगियों के टीकाकरण की स्थिति अज्ञात है। भूषण ने कहा, दुनिया में चौथा उछाल देखा जा रहा है और कुल मिलाकर पॉजिटिविटी 6.1 प्रतिशत है। इसलिए, हमें सावधान रहना होगा और हम ढिलाई बरतने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक ओर जहां यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका में सप्ताह-दर-सप्ताह कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, वहीं एशिया में अभी भी सप्ताह-दर-सप्ताह कोविड के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। सरकार की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि शुक्रवार तक देशभर में 18,10,083 आइसोलेशन बेड, 4,94,314 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1,39,300 आईसीयू बेड, 24,057 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड और 64,796 पीडियाट्रिक नॉन-आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 89 प्रतिशत वयस्क आबादी को पहली खुराक दी है और 61 प्रतिशत पात्र आबादी को टीके की दूसरी खुराक मिली है।
बूस्टर डोज पर राष्ट्रीय नीति के सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि विचार-विमर्श चल रहा है और नीति बनाने के लिए वैज्ञानिक आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा, हाल ही में पहचाने गए समूहों सहित डेल्टा प्रमुख स्ट्रेन है। इसलिए, हमें कोविड के उचित व्यवहार और टीकाकरण की समान रणनीति को जारी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा, हम ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ टीकों की प्रभावकारिता का परीक्षण कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   24 Dec 2021 10:30 PM IST