पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर कुदरत ने बरपाया कहर, 48 घंटे में 60 लोगों की गई जान, देखें आफत की 10 तस्वीरें
- पहाड़ी राज्य में जबरदस्त कुदरत का कहर
- बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से 160 लोगों की मौत
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जमकर बरपा है। रविवार से लगातर तेज बारिश की वजह से पहाड़ी राज्य में लैंडस्लाइड की घटना हो रही है, जो अब भी बदस्तूर जारी है। भारी बारिश की वजह से राज्य में कई इमारत जमींदोज हो गई है। तेज बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से 48 घंटे में 60 लोगों की मौत हुई है। इस आपदा से राज्य में अब तक 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान होने की आशंका है। हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से आज यानी 16 अगस्त को भी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे।
राजधानी शिमला के कृष्णानगर इलाके में जबरदस्त लैंडस्लाइड हुई है, जिनकी तस्वीरें सामने आई है। इस इलाके में एक भारी भरखम पेड़ एक इमारत पर गिर गया, जिसकी वजह से इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गया। जिस तरह पेड़ इमारत पर गिरा ये देख लोगों की चीखे निकल गई।
इमारत गिरने के बाद कई घर भी लैंडस्लाइड की चपेट में आते गए और देखते ही देखते पूरा इलाका लैंडस्लाइड के चपेट में आ गया। मकान पूरे जमींनदोज हो गए।
पहाड़ी राज्य की राजधानी शिमला में लैंडस्लाइड से चारों तरफ हाहाकार मचा है। राजधानी के कालका हैरिटेज रेल लाइन के पास बड़ा ही भयानक लैंडस्लाइड हुआ है। तस्वीरों में साफ तौर देखा जा सकता है कि रेल की पटरी के नीचे से पूरी जमीन खिसक गई है और पटरियां झूले की तरह लटक रही है।
कुछ ऐसा ही समरहिल इलाके से भी लैंडस्लाइड की खबर बीते सोमवार को आई थी। यहां श्रद्धालु शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने गए थे। तभी अचानक लैंडस्लाइड हो गई। जिसकी वजह से 25 से 30 लोग आपदा के चपेट में आ गए थे। अभी तक कई शव निकाले जा चुके हैं जबकि कई लोगों को निकालने का काम जारी है।
शिमला के कृष्णानगर में लैंडस्लाइड होने का वजह से 8 घर तबाह हो गए। इस आपदा की वजह से 19 लोगों की मौत हो गई है। जबकि शिव मंदिर में 12, फगली में 5 और कृष्णानगर में 2 शव मिले है। समरहिल के शिव मंदिर में हुए घटना में अभी भी 10 लोगों के दबे होने की आशंका है। हिमाचल प्रदेश की सरकार की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि, सभी स्कूल-कॉलेज खराब मौसम की वजह से 16 अगस्त तक के लिए बंद रहेंगे।
बीते रविवार से ही हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों और इलाकों में लैंडस्लाइड और बादल फटने से सड़के अवरुद्ध हो गई हैं। लैंडस्लाइड की वजह से घर बिखरे पड़े हैं। लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें तैनात की गई है। मूसलाधार बारिश की वजह से हिमाचल यूनिवर्सिटी को 19 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। जबकि लाइब्रेरी 20 अगस्त तक बंद रहेगी।
प्रदेश की हालात को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समीक्षा बैठक की। मीटिंग के बाद सुक्खू ने कहा, पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में भारी क्षति हुई है। जिन इलाकों में बिजली-पानी की व्यवस्था ठप पड़ी है उन्हें जल्द से जल्द बहाल करने का आदेश दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि, शिमला शहरी क्षेत्र में तेज बारिश की वजह से 500 से अधिक पेड़ गिर गए हैं। इससे स्थानीय लोगों को काफी पेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सीएम ने बताया कि मूसलाधार बारिश, लैंडस्लाइड की वजह से पिछले दो दिनों में 60 लोगों की मौत हुई है। इन संख्या में से सिर्फ 19 शिमला में ही मौत हुई है।
हिमाचल प्रदेश के सबसे ज्यादा क्षति वाले शहर शिमला, मंडी, सोलन और समरहिल है। शिमला में 19, मंडी जिले में 19 और सोलन में 11 मौते हुई हैं। इसके अलावा इस आपदा से राज्य के 11 जिलों में करीब 900 सड़के, लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से प्रभावित हुई है।
आपदा से 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से 10 हजार करोड़ रूपये की नुकसान हुई है। जबकि बादल फटने और भूस्खलन की 170 घटनाएं सामने आई है। इनमें 9,600 घरों को नुकसान पहुंचा है।
राहत की बात है कि पिछले 24 घंटे में हिमाचल प्रदेश में बारिश नहीं हुई है। कहीं-कहीं बूंदा बांदी हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लैंडस्लाइड की आशंका जताई है।
Created On :   16 Aug 2023 10:16 AM IST