मिशन मून: चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हुआ लैंडर, इसरो ने दी जानकारी
- इसरो का नया कारनामा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन माड्यूल से लैंडर सफलतापूर्वक अलग हो गया है। इस बात की जानकारी खुद इसरो की ओर से दी गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने बताया कि लैंडिंग मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। कल लगभग 4 बजे के लिए नियोजित डीबूस्टिंग पर लैंडिंग मॉड्यूल थोड़ी निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार है।
चंद्रयान-3 अब कुछ ही दिनों में इतिहास रचने वाला है। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो भारत का मिशन सफल हो जाएगा। इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की दक्षिणी सतह पर लैंड करेगा। जो भारत की उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ जाएगा। चंद्रयान-3 दक्षिणी धुव्र पर पानी और वहां की स्थिति को लेकर अध्यन करेगा। इसरो द्वारा भेजा गया महत्वाकांक्षी यान 14 दिनों तक चांद पर सर्च अभियान चलाएगा।
इसरो के मुताबिक, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के बाद लैंडर को चंद्रमा की तरफ जाने वाले रास्ते में अभी की कक्षा से 90 डिग्री का एक टर्न लेना है। यह अहम होता है क्योंकि लैंडर की रफ्तार इस समय बहुत अधिक है। टर्न लेने के बाद भी चुनौतियां बरकरार रहने वाली है क्योंकि इसके बाद जब लैंडर चंद्रमा की सीमा में प्रवेश करेगा उस समय भी उसकी रफ्तार काफी तेज रहने वाली है। ऐसे में वैज्ञानिक लैंडर की डीबूस्टिंग करेंगे।
क्या है डीबूस्टिंग?
इसरो की मानें तो, जब लैंडर 90 डिग्री का टर्न लेने के बाद चांद की सतह की तरफ मुड़ेगा और जब उसकी दूरी 30 किमी से कम होगी तो उसकी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उसकी रफ्तार बेहद ही कम करना होगा। अगर वैज्ञानिक लैंडर की रफ्तार कम करने में सफल हो जाते हैं तो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करना बेहद ही आसान हो जाएगा और इसी के साथ यह मिशन सफल हो जाएगा। लैंडर के लैंड होने के बाद इससे रोवर निकलेगा और वह रोवर ही चंद्रमा की सतह पर अगले 14 दिनों तक सर्च ऑपरेशन करेगा।
Created On :   17 Aug 2023 1:40 PM IST