बागेश्वर में बिगड़े हालात: जोशीमठ की तरह लगातार हो रहा लैंडस्लाइड, सड़क-मकानों में आई दरारें, विस्पाथन की मांग कर रहे 200 परिवार

जोशीमठ की तरह लगातार हो रहा लैंडस्लाइड, सड़क-मकानों में आई दरारें, विस्पाथन की मांग कर रहे 200 परिवार
  • उत्तराखंड के एक और जिले में बने जोशीमठ जैसे हालात
  • घरों, मंदिरों और सड़कों पर पड़ी दरारें
  • दहशत में जी रहे सैंकड़ों परिवार

डिजिटल डेस्क, देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में बड़े पैमाने पर हो खनन और कंस्ट्रक्शन से जोशामठ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यहां के 11 गांव में भीषण लैंड स्लाइड हो रहा है। कई गांव में खेतों, घरों, मंदिरों और सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। डर के साए में जो रहे 200 परिवार विस्थापन की मांग कर रहे हैं।

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जिले के 11 गांवों को संवेदनशील घोषित कर दिया है। यहां पर कुल 450 घर खतरे में हैं। इन 11 गांव में से कुंवारी और सेरी जैसे गांवों में 131 परिवार लैंडस्लाइड से बुरी तरह प्रभावित हैं। वहीं, कांडा और रीमा इलाके के सोपस्टोन खदानों के कई गांवों में भू धंसाव हो रहा है जिससे सड़कों और मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।

यहां के कपकोट में पहाड़ियों पर जमकर भूस्खलन हो रहा है। लगातार हो रही लैंडस्लाइड से यहां के कुंवारी गांव में रहने वाले लोग दहशत में हैं। गांव के 54 परिवार सुरक्षित जगह पर विस्थापित किए जाने का इंतजार है। कुंवारी की तरह सेरी गांव में भी करीब 24 परिवार भू धंसाव से प्रभावित हैं। उनके द्वारा भी शासन से लगातार विस्थापन की मांग की जा रही है।

इलाके में धड़ल्ले से हो रहा खनन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बागेश्वर जिले में धड़ल्ले से खनन हो रहा है। जिसकी वजह से यहां जोशीमठ जैसे हालात निर्मित हो गए हैं। यहां के घरों, मंदिरों और सड़कों पर दरारें पड़ने लगी हैं। इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र सरकार एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है। लगातार हो रहे खनन और कंस्ट्रक्शन के काम के चलते यहां के एक हजार साल पुराने कालका मंदिर में दरारें पड़ गई हैं।

ग्रामीणों ने की विस्थापन की मांग

वहीं ग्रामीणों की मांग पर उपजिलाधिकारी कपकोट अनुराग आर्य ने कहा कि जिले में 11 संवेदनशील गांव का चयन कर लिया गया है। जहां के प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने की तैयारी कर ली गई है। इसके अलावा जो इलाके हैं उनकी जांच हो रही है। इन गांवों के अलावा और भी ऐसे जिनमें ऐसी समस्या होगी तो उनके विस्थापन की कार्यवाही भी होगी। अभी कुंवारी गांव में 58 परिवारों को विस्थापित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा सेरी गांव के 10 परिवार को पहले विस्थापित किया जा चुका है।

Created On :   5 Sept 2024 10:00 PM IST

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