म्याउं-मयाउं ड्रग: जानें कैसी होती है ये ड्रग और क्यों इसे 50 से ज्यादा देशों में बैन किया गया है? कीमत जान रह जाएंगे दंग
- कोड वर्ड के रुप में किया जाता है नाम का इस्तेमाल
- सेहत के लिए बेहद हानिकारक होती है ये ड्रग
- 53 देशों में है प्रतिबंधित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्याउं-मयाउं सुनते ही आपके मन में बिल्ली की छवि न बने ऐसा हो ही नहीं सकता है। लेकिन आजकल इस शब्द का इस्तेमाल एक कोड वर्ड के रूप में किया जा रहा है। यह कोड एक ड्रग्स से जुड़ा है। जिसकी बड़े पैमाने पर इन दिनों पुलिस छापेमारी कर रही है। इस ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 2 करोड़ रुपये प्रति किलो बताई जा रही है। लोग बड़े पैमाने पर इसका सेवन कर रहे हैं। लेकिन क्या है इस ड्रग्स का वास्तविक नाम? यह ड्रग्स पहली बार आम जनता के बीच कब आई? और इसके सेवन से क्या नुकसान हो सकता है। आईए आपको बताते हैं...
क्या है असली नाम?
पुणे पुलिस ने बड़े पैमाने पर छापेमारी कर करीब 1800 किलो ड्रग्स बरामद किए हैं। छापेमारी में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस ने यह बताया कि ड्रग माफियाओं ने तस्करी के लिए इस ड्रग का नाम म्याउं-म्याउं रखा है। हालांकि, इसका वास्तविक नाम मेफेड्रोन है। इस ड्रग को ड्रोन, एम-कैट, वाइट मैजिक और बबल जैसे नामों से भी जाना जाता है। दुनिया के 53 देशों में इसे बैन किया जा चुका है। पुलिस द्वारा बरामद 1800 किलो इस ड्रग की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3700 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
पहली बार कब आई?
इस ड्रग का इस्तेमाल भारत और चीन में खाद बनाने के लिए किया जाता है। म्याउं-मयाउं 'मेफेड्रोन' को पहली बार सन् 1929 में बनाया गया था। 1999-2000 तक इसको रखना या इसका उत्पादन करना कोई अपराध नहीं था। लेकिन, साल 2000 में यह इसे इंटनेट के जरिए बेचा जाने लगा। 2010 में इसका व्यापार बड़े पैमाने पर होने लगा। फिर दिसंबर 2010 में यूरोपियन यूनियन ने मेफेड्रोन पर बैन लगा दिया।
जैसी क्वालिटी वैसी कीमत
मेफेड्रोन की कीमतों में पिछले दो-तीन सालों में काफी उछाल देखने को मिला है। सन् 2021 में अवैध बाजार में म्याउं-म्याउं की कीमत 9 हजार रुपये प्रति ग्राम थी। जो 2022 में बढ़कर 15 हजार रुपये प्रतिग्राम तक पहुंच गई। वर्तमान में इसकी कीमत 15 हजार रुपये प्रतिग्राम अर्थात 2 करोड़ रुपये प्रति किलो है।
क्या है नुकसान?
इस ड्रग का सेवन कैप्सूल, टैबलेट या पाउडर के रूप में होता है। कुछ नशा करने वाले इसे इंजेक्शन यह धुआं के रूप में भी करते हैं। इसका एडिक्शन इतना खतरनाक है कि सेवन से शरीर इसका पहले से अधिक डोज मांगता है। इसका इस्तेमाल करने वाले लोग अचानक आक्रामक हो जाते हैं। सूंघने पर नाक से खून आ सकता है। आंखों की पुतलियां खराब हो सकती हैं। लोगों में मेफेड्रोन का इस्तेमाल करने से डिप्रेशन की शिकायतें देखी गई हैं।
महिला की मौत
मेफेड्रोन का इस्तेमाल करना एक 18 वर्षीय स्वीडिश महिला को इतना भारी पड़ा की उसकी मौत हो गई। इसका इस्तेमाल करने के बाद महिला के शरीर में ऐंठन होने लगी। उसके कुछ समय बाद उसका चेहरा नीला पड़ गया। और कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी।
Created On :   26 Feb 2024 7:38 PM GMT