खालिस्तानी आतंकी ढेर: यूपी पुलिस ने लिया पंजाब में हुए ग्रेनेड हमले का बदला, तीन खालिस्तानी आतंकियों को किया ढेर, जानिए पुलिस ऑपरेशन की इनसाइड स्टोरी
- केजेडएफ के तीन आतंकी मुठभेड़ में गए मारे
- पुलिस ने किया था पलटवार
- पंजाब, जम्मू और दिल्ली हैं संचालन के मुख्य क्षेत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब के गुरदासपुर में ग्रेनेड हमला करने में कथित रूप से शामिल तीन आतंकी सोमवार को पीलीभीत में उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) मॉड्यूल के खिलाफ एक बड़ी सफलता बताई है। तीनों आरोपी गुरदासपुर के रहने वाले हैं। जिसमें से एक का नाम गुरविंदर सिंह, दूसरे का वीरेंद्र सिंह और तीसरे का जसप्रीत सिंह है।
पुलिस पर चलीं गोलियां
मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने जब इन तीनों आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो उन लोगों ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी थी। जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने गोलियां चलाईं तो गोलियां उन तीनों आरोपियों पर जाकर लग गई और उनकी मौत हो गई।
इस साल कितने हमले देखने मिले?
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने न्यूज़ चैनल से की हुई बातचीत में बताया है कि, ये एक बहुत ही साहसिक काम है। एक सप्ताह के अंदर पंजाब के तीन पुलिस चौकियों पर निशाना साधा गया था। जिसपर सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तानी आतंकवादियों को ही आरोपी करार दे रही हैं। शुक्रवार को गुरदासपुर में बांगर पुलिस चौकी को निशाना बनाया गया था। वहीं, मंगलवार को अमृतसर के इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन में विस्फोट हुआ था। गुरदासपुर में बख्शीवाल पुलिस स्टेशन के सामने भी विस्फोट हुआ था। हालांकि, इन विस्फोटों में कोई भी घायल नहीं हुआ था। लेकिन सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा गया है कि, इन विस्फोटों की जिम्मेदारी खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स लेती है।
क्या है ये खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स?
खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित एक समूह है। जिसका मोटिव एक संप्रभु खालिस्तान राज्य को स्थापित करना है। हालांकि, खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स की कैडर शक्ति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक, बताया जा रहा है कि, ज्यादातर सिख जम्मू के शामिल हैं।
खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स का मुखिया रंजीत सिंह नीता बताया जा रहा है। जो कि जम्मू के सुंबल कैंप इलाके में रहते थे, लेकिन अब वो पाकिस्तान में जाकर रहने लगे हैं। बता दें, साल 1988 से लेकर 1999 के बीच में जम्मू और पठानकोट के बीच चलने वाली ट्रेनों और बम विस्फोटों में करीब 6 रिपोर्ट्स में इसका ही नाम सामने आया है। इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर के कठुआ में साल 2001 में पुलिस उपाधीक्षक देविंदर शर्मा की हत्या में भी शामिल था।
किन जगहों पर मिल रहा संरक्षण?
खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के काम करने के मुख्य तौर पर तीन क्षेत्र हैं। जिसमें, पंजाब, जम्मू और दिल्ली शामिल है। इसके अलावा ये संगठन नेपाल से भी संचालन कर चुका है। आईएसआई से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है। इसके अलावा भी खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स की जम्मू-कश्मीर में कई सारे एक्टिव आतंकवादी समूहों के साथ दोस्ती है।
Created On :   23 Dec 2024 3:15 PM IST