राज्यसभा की कार्यवाही: सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश, पक्षपात के आरोपों के चलते विपक्ष ने घेरा
- राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान बवाल
- सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव
- सभापति पर आरोपों के बाद एकजुट हुआ विपक्ष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी खेमे से इंडिया गठबंधन के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इससे पहले सोमवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान जॉर्ज सोरोस मामले पर जमकर हंगामा देखने को मिला था। विपक्षी खेमे से कांग्रेस, सपा समेत टीएमसी सांसदों की ओर से सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया था। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हस्ताक्षर किए थे। जिसे सदन में आज विपक्ष ने अनुच्छेद 67 (बी) के तहत पेश किया है।
जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश
सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ जारी अविश्वास प्रस्ताव में लगभग 70 सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य छोटे दलों के सांसदों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
बता दें, मॉनसून सत्र के दौरान अगस्त में राजसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की ओर से हस्ताक्षर की मुहिम चलाई गई थी। हालांकि, तब विपक्ष ने कार्रवाई न करने का निर्णय लिया था। अब तक इंडिया गठबंधन के सांसदों की ओर से सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया जा चुका है। न केवल इतना बल्कि विपक्षी सांसदों ने जगदीप धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया है। राज्यसभा में हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 11 दिसंबर तक के लिए स्थागित कर दी गई है।
सोमवार को राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ करीब 70 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें इंडिया खेमे में शामिल कई पार्टी के सांसद पक्ष में थे। हैरानी वाली बात यह है कि इंडिया गठबंधन से दूरी बना रही सपा और टीएमसी जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एकजुट हो गई थी। सपा और टीएमसी सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थें।
कांग्रेस ने जगदीप धनखड़ पर साधा निशाना
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था, "विपक्ष लगातर सदन चलाने की मांग कर रहा है, लेकिन सभापति धनखड़ सत्ता पक्ष को सदन में गतिरोध पैदा करने का मौका दे रहे थे। आसन का ये पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है।" इसके अलावा राज्सभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी जगदीप धनखड़ पर हमला बोला था। उन्होंन कहा था कि सभापति के रवैये से लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए।
Created On :   10 Dec 2024 1:33 PM IST