नदियों का संरक्षण: जिस जल से हमारी पीढ़ियां समृद्ध हुईं हैं, उद्गम के उस स्रोत को सुरक्षित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य

जिस जल से हमारी पीढ़ियां समृद्ध हुईं हैं, उद्गम के उस स्रोत को सुरक्षित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य
  • जिस जल से हमारी पीढ़ियां समृद्ध हुईं हैं
  • उद्गम के स्रोत को सुरक्षित रखना नैतिक कर्तव्य
  • नदियों के उद्गम स्थलों की मानस यात्रा कर रहे हैं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल जल-गंगा संवर्धन अभियान के तहत नदियों के उद्गम स्थलों की मानस यात्रा कर रहे हैं। कभी स्वयं ट्रैक्टर चलाकर तो कभी दुर्गम चोटी पर पैदल चढ़ाई कर वे नियमित रूप से उद्गम स्थलों के दर्शन कर वहाँ पौधरोपण कर रहे हैं। मंत्री पटेल जन समुदाय से चर्चा कर उन्हें जल संरक्षण के प्रति नई चेतना और ऊर्जा से भरने के लिए जन जागृति कार्यक्रम में भी सहभागी बन रहे हैं।

नदियों का संरक्षण, प्रकृति के प्रति है हमारी संवेदना का प्रतीक

मानस यात्रा के चौथे दिन मंत्री पटेल ने रायसेन जिले के ग्राम अमरावत खुर्द रीछन (पलकमती) नदी के उद्गम स्थल पहुंचकर पौधरोपण कर जनसंवाद किया। उन्होंने कहा कि उद्गम स्थल पर जाना ऐसी अनुभूति है, जैसे किसी बच्चे को अपने परिवार के बुजुर्ग का सानिध्य मिलना। जिस जल से हमारी पीढ़ियां समृद्ध हुईं हैं, उद्गम के उस स्रोत को सुरक्षित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है।

सरकार, समाज और प्रबुद्धजनों को जल-गंगा संवर्धन अभियान में जल संरक्षण और नदियों के जीर्णोद्धार में अपनी विशेष भागीदारी निभानी है। नदियाँ हमारी सभ्यता का प्रतीक हैं, इनका संरक्षण हम सभी का कर्तव्य है। अगर हम प्रकृति के प्रति संवेदनशील है तो नदी का अस्तित्व कभी खत्म नहीं हो सकता।

Created On :   8 Jun 2024 7:33 PM IST

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