एनआईए जांच में मिले संकेत: 'भारत में अशांति पैदा करने के लिए खालिस्तान समर्थक भावनाओं का फायदा उठा रहा पाक' 

भारत में अशांति पैदा करने के लिए खालिस्तान समर्थक भावनाओं का फायदा उठा रहा पाक 
  • एनआईए जांच में मिले संकेत
  • खालिस्तान समर्थक भावनाओं का फायदा उठा रहा है पाकिस्तान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दिल्ली की एक अदालत में दाखिल आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह, लखबीर सिंह, अर्शदीप सहित अन्य पर दिल्ली, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमलों और लक्षित हत्याओं की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए किस तरह उन्‍हें अपने आपराधिक नेटवर्क का उपयोग करने देती है।

आरोपपत्र में कहा गया है, "गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा (पाकिस्तान में स्थित), लखबीर सिंह उर्फ लांडा (कनाडा में स्थित), अर्शदीप उर्फ अर्श दल्ला (कनाडा में स्थित) वगैरह ने अपने आपराधिक नेटवर्क को आगे बढ़ाया है और न केवल पंजाब में, बल्कि पड़ोसी राज्यों के बेरोजगार युवाओं को सनसनीखेज और भयावह वारदात को अंजाम देने के लिए या तो बड़ी रकम की पेशकश की जाती है या अंतिम उपयोगकर्ताओं (जल्लादों) को विदेश में बसाने का वादा किया जाता है। आरोप लगाया गया है कि प्रोफाइल हत्याएं 20वीं सदी के आखिरी दशकों में तत्कालीन बॉम्बे अंडरवर्ल्ड आतंकी हमलों की तरह की गईं।

एनआईए ने अपनी जांच में पाया है कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्‍नोई विदेश में रहने वाले अपने सहयोगियों के साथ न केवल जबरन वसूली गतिविधियों में लिप्त हैं, बल्कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) जैसे खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के इशारे पर प्रमुख सामाजिक-धार्मिक और राजनीतिक व्यक्तियों को निशाना बनाने की साजिश भी रच रहे हैं।

आरोपपत्र में कहा गया है, "उगाही गई धनराशि का एक हिस्सा आतंकी फंडिंग और भारत और विदेशों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक हथियारों की व्यवस्था करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। लॉरेंस बिश्‍नोई के गिरोह के सदस्य वीडियो क्लिप पोस्ट करके या अपने आतंकी कृत्यों को प्रचारित करने के लिए साइबरस्पेस और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। वे बड़े पैमाने पर लोगों के बीच गहरा और व्यापक आतंक पैदा करने के लिए उनकी आपराधिक/आतंकवादी गतिविधियों की जिम्मेदारी लेते हैं।''

बिश्‍नोई गिरोह उत्तर भारत में मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और यहां तक कि विदेशों में इटली, आर्मेनिया, कनाडा, अमेरिका, दुबई, फिलीपींस, पाकिस्तान, अजरबैजान और तुर्की जैसे देशों में भी सक्रिय है। सोशल मीडिया के युग में ये गिरोह अपने प्रभुत्व का प्रदर्शन करते हैं और विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से लाखों अनुयायियों को आकर्षित करते हैं, और अधिक युवाओं को अपने गिरोह में शामिल होने के लिए आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, आरोपपत्र में आगे कहा गया है कि पंजाब की पाकिस्तान के साथ लगभग 553 किमी लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा है और इस सीमा से 5 किमी की दूरी के भीतर 456 गांव हैं।

कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर से इसकी निकटता इसकी सुरक्षा में एक गंभीर आयाम जोड़ती है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में देश की एकता और अखंडता को बिगाड़ने के लिए लगातार भयावह प्रयास होते रहे हैं। हाल के दिनों में, पाकिस्तान द्वारा गंभीर प्रयास किए गए हैं। आरोपपत्र में दावा किया गया है, ''पंजाब में अशांति पैदा करने, सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और राज्य में शांति भंग करने के उद्देश्य से आतंकवादी कृत्यों की एक श्रृंखला के माध्यम से खालिस्तान के अलगाववादी आंदोलन को पुनर्जीवित किया जाए।''

जांच एजेंसी का कहना है कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां गिरफ्तार आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों ने आम तौर पर विदेशों में स्थित आतंकवादी समूहों/व्यक्तियों और विशेष रूप से "पाक स्थित खालिस्तान समर्थक लोगों" द्वारा आतंकवादी हमलों की योजना बनाने का खुलासा किया है।

एनआईए ने अपने आरोप में कहा, "हाल के वर्षों में लक्षित हत्याओं के लिए सीमा पार तस्करी नेटवर्क के माध्यम से हथगोले, टिफिन बम, आईईडी, आरडीएक्स, आरपीजी, पिस्तौल इत्यादि सहित परिष्कृत आतंकवादी हार्डवेयर की आपूर्ति बढ़ी है।" एनआईए की जांच से पता चला है कि 2022 में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार की हत्या के बाद सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​गोल्डी बराड़ ने लॉरेंस बिश्‍नोई और बीकेआई के सहयोगी लांडा के साथ मिलकर पांच अन्य डेरा सच्चा सौदा अनुयायियों को मारने की धमकी दी थी।

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Created On :   28 Sept 2023 8:43 AM IST

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