46वां विश्व धरोहर समिति: UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर के लिए भारत देगा 1 मिलियन डॉलर का योगदान, पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान

UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर के लिए भारत देगा 1 मिलियन डॉलर का योगदान, पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान
  • 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा भारत
  • पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान
  • पीएम मोदी ने पूरी दुनिया का एक साथ आने को कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत गुरु पूर्णिमा का पवित्र पर्व मना रहा है। मैं आप सभी को और सभी देशवासियों को अध्यात्म और ज्ञान के इस पर्व की बधाई देता हूं। ऐसे अहम दिन 46वें विश्व धरोहर समिति की शुरुआत हो रही है और भारत में ये आयोजन पहली बार हो रहा है। सभी देशवासियों को इसकी विशेष खुशी है।

1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा भारत

पीएम मोदी ने कहा कि भारत, यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर के लिए 1 मिलियन डॉलर का कांट्रीब्यूशन करेगा। ये ग्राउंड कैपेसिटी बिल्डिंग, टेक्निकल असिस्टेंट और वर्ल्ड हेरिटेज साइट के कंजरवेशन में प्रयोग होगा। विशेषरूप से ये पैसा ग्लोबल साउथ के देशों को काम आएगा। धरती हमारी मां है और हम उसकी संतान हैं। इसी विचार को लेकर भारत इंटरनेशनल सोलर अलायंस और मिशन लाइफ जैसे समाधान दे रहा है। UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर के लिए भारत 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा।

350 से अधिक प्राचीन धरोहरों को वापस लाए- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "बीते वर्षों में हम भारत की 350 से अधिक प्राचीन धरोहरों को वापस लाए हैं। प्राचीन धरोहरों का वापस आना वैश्विक उदारता और इतिहास के प्रति सम्मान के भाव को दिखाता है। ये कार्यक्रम भारत के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि से जुड़ा है। मुझे बताया गया है कि हमारे उत्तर पूर्वी भारत के ऐतिहासिक 'मोइदम' को यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल होना प्रस्तावित है। ये भारत की 43वीं विश्व धरोहर समिति और और उत्तर पूर्वी भारत की पहली धरोहर होगी जिसे यह दर्जा मिल रहा है।"

पीएम मोदी ने कहा- अभी मैं विदेशों से वापस लाई गई प्राचीन धरोहरों की प्रदर्शनी भी देख रहा था। बीते वर्षों में हम भारत की 350 से ज्यादा प्राचीन धरोहरों को वापस लाए हैं। प्राचीन धरोहरों का वापस आना वैश्विक उदारता और इतिहास के प्रति सम्मान के भाव को दिखाता है। दुनिया ने वो दौर भी देखा है, जब विकास की दौड़ में विरासत को नजरअंदाज किया जाने लगा था, लेकिन आज का युग कहीं ज्यादा जागरूक है। भारत का तो विजन है- विकास भी, विरासत भी। बीते 10 वर्षों में भारत ने एक ओर आधुनिक विकास के नए आयाम छुए हैं, वहीं 'विरासत पर गर्व' का संकल्प भी लिया है। हमने विरासत के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।

पीएम मोदी ने पूरी दुनिया का एक साथ आने को कहा

पीएम मोदी ने कहा- आज के इस आयोजन में दुनिया के कोने-कोने से आए एक्सपर्ट्स ये अपने आप में इस समिट की समृद्धि को दर्शाता है। ये आयोजन भारत की उस धरती पर हो रहा है, जो विश्व की प्राचीनतम जीवंत सभ्यताओं में से एक है। भारत इतना प्राचीन है कि यहां वर्तमान का हर बिन्दु किसी न किसी गौरवशाली अतीत की गाथा कहता है। मुझे पता चला है कि पूर्वोत्तर के ऐतिहासिक मोइदम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। यह भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल होगा और पूर्वोत्तर भारत की पहली धरोहर होगी, जिसे सांस्कृतिक विश्व धरोहर का दर्जा दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज 43वां विश्व धरोहर समिति के माध्यम से भारत का पूरे विश्व को यही आह्वान है, आइए हम सब जुड़ें- एक-दूसरे की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए। मानव कल्याण की भावना के विस्तार के लिए। अपनी हेरिटेज को संरक्षित करते हुए टूरिज्म बढ़ाने के लिए। ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर बनाने के लिए।

Created On :   21 July 2024 9:24 PM IST

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