हाइपरसॉनिक मिसाइल: टेंशन में नजर आ रहा पाक और चीन, अमेरिका के लिए मुश्किल हो रहा मिसाइलों का निर्माण, वैसी भारत ने बना ली 3 मिसाइलें

टेंशन में नजर आ रहा पाक और चीन, अमेरिका के लिए मुश्किल हो रहा मिसाइलों का निर्माण, वैसी भारत ने बना ली 3 मिसाइलें
  • अमेरिका को हो रही हाइपरसॉनिक मिसाइल बनाने में मुसीबत
  • भारत में तीन मिसाइलों का निर्माण जोरों शोरों से
  • मिसाइल ध्वनि की स्पीड से करीब 5 गुना तेज उड़ने में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में सबसे ताकतवर देशों में से एक माना जाने वाला अमेरिका भी हाइपरसॉनिक मिसाइल नहीं बना पा रहा है। लेकिन भारत को पहले के समय तकनीक की रेस में जो दुनिया में पीछे था, आज के समय में उसी भारत ने 3-3 मिसाइलों का निर्माण करके पूरी दुनिया को चुनौती दे डाली है।

प्रोजेक्ट ध्वनि के तहत मिसाइल का निर्माण

तकनीकी क्षमता में भारत पहले काफी पीछे रहने वाले देश को आज दुनिया की आगे रहने वाली सूचि में गिना जाता है। जिसमें भारत के वैज्ञानिकों की मेहनत के साथ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की मेहनत है। DRDO के वैज्ञानिकों ने प्रोजेक्ट ध्वनि के तहत ऐसे हाइपरसॉनिक हथियार बनाए गए हैं। जिनको रोक पाना अब मुश्किल है।

कितनी तेज होती है हाइपरसॉनिक मिसाइल?

हाइपरसॉनिक मिसाइल ऐसे हथियारों को कहा जाता है कि ध्वनि की स्पीड से पांच गुना ज्यादा तेज यानी 62 सौ प्रति घंटे की स्पीड से अपने लक्ष्य पर हमला करते हैं। इसकी तेज स्पीड और कम ऊंचाई पर उड़ने वाली खूबी इस हाइपरसॉनिक मिसाइल को और ज्यादा खतरनाक बनाती है। जिसको कोई रडार भी नहीं पकड़ पाएगा। बता दें, DRDO की ये हाइपरसॉनिक तकनीक पूरी तरह से स्वदेशी है। ये हाइपरसॉनिक मिसाइल रॉकेट के इंजन की मदद से लॉन्च किया जाता ह और वातावरण में काफी ज्यादा स्पीड से उड़ता है। साथ ही अपनी 1500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज में पेलोड भी ले जा सकते हैं।

तीनों सेनाओं के लिए उपयोगी

ध्वनि की स्पीड से करीब 5 गुना तेज उड़ने में, रडार की पकड़ से दूर रहने वाली खासियत के साथ ये मिसाइल देश की तीनों सेनाओं के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी साबित होगी। बता दें, भारत का ब्रह्मोस-2 इस हाइपरसॉनिक तकनीक का बिल्कुल सटीक उदाहरण है। DRDO फिलहाल तीन-तीन अलग डिसाइनों पर काम कर रहा है।

पाकिस्तान और चीन में टेंशन

भारत की तरफ से गलती हो गई थी। जिसमें भारत ने गलती से पाकिस्तान की तरफ एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी थी। जिसे पाकिस्तान ट्रैक भी नहीं कर पाया था। अब ब्रह्मोस-2 और प्रोजेक्ट ध्वनि की हाइपरसॉनिक मिसाइल के सामने पाकिस्तान के साथ चीन और अमेरिका के डिफेंस सिस्टम भी काम नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, अमेरिका अब तक अपने हाइपरसॉनिक तकनीक को सफलता नहीं दिला पाया है। लेकिन भारत रूस के साथ मिलकर इस तकनीक में महारथ हासिल कर ली है।

Created On :   15 Dec 2024 3:56 PM IST

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