आर्थिक सर्वे 2025: आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट आई सामने, महंगाई की दिखी चाल, जानें कैसी रहेगी 2025 की जीडीपी?
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- इकॉनोमिक सर्वे आया सामने
- 8 फीसदी तक करना होगा विकास
- 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट में आएगी बढ़ोतरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एक एक आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। जिसमें अगले वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट में वृद्धि आने की संभावना जताई जा रही है। वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत से लेकर 6.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया गया है। जो कि पिछले चार सालों में सबसे कम विकास दर रहने की संभावना जताई जा रही है। पिछली साल 22 जुलाई 2024 में आर्थिक सर्वे में मौजूदा चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत के बीच जीडीपी ग्रोथ रेट रहने की उम्मीद जताई गई है।
2047 तक विकसित भारत के लिए 8 प्रतिशत दर है आवश्यक
वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में देश के आर्थिक विकास का 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, वित्त साल 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत से लेकर 6.8 प्रतिशत के बीच ही रहने की संभावना जताई है. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, साल 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिए आने वाले दस से बीस सालों में 8 प्रतिशत के दर से आर्थिक विकास करना होगा। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, 2047 में देश की आजादी के शताब्दी साल के समय तक विकसित भारत बनने की अपनी आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, भारत को औसतन करीब 8 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ रेट हासिल करने की जरूरत है। ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण है कि वैश्विक हालात जिसमें राजनीतिक और आर्थिक हालात शामिल हैं, वो भारत के आर्थिक विकास में भी मदद करेगा।
सर्विसेज एक्सपेंडिचर में आई भारी बढ़त
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विकास के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने पर सरकार के फोकस में महत्वपूर्ण डेवलपमेंट देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसपर 23.3 प्रतिशत खर्च किया गया था जो कि 15 प्रतिशत सीएजीआर के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 26.2 फीसदी कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र और राज्य सरकार का सोशल सर्विसेज एक्सपेंडिचर वित्त वर्ष 2020-21 में 14.8 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 25.7 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है। आर्थिक सर्वे 2024-25 के मुताबिक लेबर रिफॉर्म्स के चलते श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है इसलिए रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। सर्वे के मुताबिक इन सुधारों का उद्देश्य कोजगार के अवसर को बढ़ावा देने के साथ इकोनॉमिक समावेशिता को बढ़ावा देना और इज ऑफ डूंइंग बिजनेस के साथ वर्कफोर्स के हितों को संभालना है।
मेंटल हेल्थ बिगड़ रहा
इकोमॉनिक सर्वे के मुताबिक, युवाओं के मेंटल हेल्थ ही भविष्य में अर्थव्यवस्था को स्पीड दे पाएगा। लाइफस्टाइल च्वॉइस, वर्कप्लेस कल्चर, और परिवार के हालात प्रोडक्टिविटी के लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखते हैं। सोशल मीडिया पर खाली समय व्यतीत करना, व्यायाम नहीं करना और परिवार के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताने के चलते युवाओं का मेंटल हेल्थ बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रहा है।
Created On :   31 Jan 2025 4:26 PM IST