हिंसा के चलते मणिपुर की अर्थव्यवस्था पर पड़ा गहरा प्रभाव, जीएसटी कलेक्शन में भी आई गिरावट

हिंसा के चलते मणिपुर की अर्थव्यवस्था पर पड़ा गहरा प्रभाव, जीएसटी कलेक्शन में भी आई गिरावट
हिंसा के चलते मणिपुर की अर्थव्यवस्था पर पड़ा गहरा प्रभाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले तीन महीनों से जारी हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा में जहां अब तक करीब 160 लोगों की जानें चली गई हैं। वहीं हजारों घर जलकर खाक हो गए हैं। अपना आशियाना उजड़ने के बाद बेघर हुए लोग राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। राज्य में हो रही हिंसा का असर यहां की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। वित्त मंत्रालय द्वारा जुलाई 2023 के लिए जारी जीएसटी कलेक्शन के आकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में मणिपुर देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां जीएसटी कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई है।

देश के सभी राज्यों में जीएसटी कलेक्शन का डेटा जारी किया गया है। जिसके मुताबिक मणिपुर को छोड़कर अन्य राज्यों में जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं मणिपुर में हिंसा की वजह से जुलाई 2023 में जीएसटी कलेक्शन घटकर 42 करोड़ रुपये पर आ गया है जो कि, पिछले साल जुलाई महीने के आकड़े से 7 फीसदी कम है। वहीं पिछले महीने से तुलना करें तो कलेक्शन में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि जून 2023 में राज्य का जीएसटी कलेक्शन 60.37 करोड़ रुपये था।

राज्य में आयात-निर्यात में गुई गिरावट

मैतई और कुकी समुदायों के बीच हो रही हिंसा की वजह से मणिपुर से विदेशों में होने वाले निर्यात में 80 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। मणिपुर कई देशों में अपना हैंडमेड कपड़े, खाद्य पदार्थ और औषधीय पौधों का निर्यात करता है। मणिपुर विदेशों में लीमर, मोयरांगफी, लेसिंगफी और फैनेक जैसे फैब्रिक के लिए खूब प्रसिद्ध है। इन फैब्रिक की यूरोप,अमेरिका, सिंगापुर जैसे देशों में अच्छी मांग है। लेकिन राज्य फैली हिंसा की वजह से यहां का इंटरनेट और बैंक से लेकर एटीएम सेवाएं बंद हैं। इस हिंसा ने राज्य की अर्थव्यवस्था को भी चरमरा दिया है।

कब तक सुधारेगी अर्थ व्यवस्था ?

मणिपुर मोरेह बार्डर प्वाइंट है जहां से भारत म्यांमार के साथ-साथ दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में व्यापार करता है। हिंसा के चलते इस सड़कमार्ग को भी बंद कर दिया गया हैं। जिसको लेकर मणिपुर की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। मणिपुर बुनकरों की संख्या के मामले में देश का दूसरा बड़ा राज्य है। वहीं, करघों की संख्या की बात करें तो देश में यह राज्य चौथे स्थान पर आता है। मैतई और कुकी समुदाय के बीच अविश्वास की दरार गहरी हो गई है। ऐसी स्थिति में यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में कब सुधार होगा?

Created On :   1 Aug 2023 11:32 PM IST

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