ट्रंप के: सोनिया गांधी के नक्शेकदम पर ट्रंप? ट्रंप के DOGE की तुलना हो रही सोनिया गांधी की NAC से, जानें क्या है तुलना करने की वजह?

सोनिया गांधी के नक्शेकदम पर ट्रंप? ट्रंप के DOGE की तुलना हो रही सोनिया गांधी की NAC से, जानें क्या है तुलना करने की वजह?
  • ट्रंप के DOGE की तुलना हो रही सोनिया गांधी की NAC से
  • सोनिया ने किया था एनएसी का गठन
  • ये है तुलना करने की वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल कर ली है। जिससे ये साफ है कि नई सरकार में एलन मस्क कई बड़ी भूमिका निभाते नजर आ सकते हैं। ट्रंप पर हमला होने के बाद एलन मस्क ने उनका सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था। उन्होंने ट्रंप का समर्थन करने के अलावा ट्रंप के प्रचार-प्रसार में करीब सात करोड़ डॉलर भी दिए थे।

ट्रंप की जीत में मस्क की भूमिका

ट्रंप की जीत में एलन मस्क की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने स्विंग स्टेट्स में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए भी फंडिंग जुटाने में मदद की थी। जिसके बाद अब ट्रंप की नई टीम में भी शामिल हो गए हैं। लेकिन ट्रंप के कार्यकाल 2.0 में उन्होंने एक नए विभाग का गठन किया है जिसका नाम DOGE रखा है। इसकी तुलना सोनिया गांधी के NAC से की जा रही है। जिसका गठन सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रह कर साल 2004 में किया था।

ट्रंप ने चुने अपने टीम मेंबर्स

ट्रंप का ये दूसरा कार्यकाल है जिसके लिए उन्होंने अपनी टीम मेंबर्स का चयन कर लिया है। लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी DOGE नाम से एक नया विभाग काफी चर्चा में है। इस विभाग के आने की कमान एलन मस्क और भारतवंशी विवेक रामास्वामी को दी गई है। DOGE का उद्देश्य है कि बड़ी संख्या में संघीय एजेंसियों को बंद करके ब्यूरोक्रेसी का क्लीनअप किया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि इस क्लीनअप के दौरान अमेरिका की 428 में से करीब 99 एजेंसियां ही बच पाएंगी।

DOGE की तुलना NAC से

DOGE की तुलना भारत की NAC से की जा रही है। जो कि सोनिया गांधी की तरफ से 20 साल पहले 2004 में गठित किया गया था। इसका भी मुख्य काम नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना ही था। जिसके बाद NAC का प्रभाव लगातार बढ़ता गया। जिसमें लोगों का मानना था कि सरकार के औपचारिक ढांचों को हटाकर शैडो गवर्नमेंट के तौर पर काम शुरू कर दिया था।

मनमोहन सिंह के आने पर सोनिया ने लिया था ये कदम

साल 2004 में मनमोहन सिंह के पीएम बनने के बाद सोनिया गांधी की सरकार का किसी भी तरह का औपचारिक पद नहीं था। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष होने के चलते उन्होंने NAC समिति का गठन किया। ये एक सलाहकार समिति थी। जिसमें गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक न्याय के साथ कांग्रेस के एजेंडे पर काम करना था। इस समिति का उद्देश्य सरकार को सलाह देना था। इस सलाहकार समिति में सोनिया गांधी की बड़ी भूमिका थी। उनकी इस समिति के प्रभाव से कैबिनेट भी तनाव में था।

इसलिए हो रही थी तुलना

इस तरह ही मस्क का DOGE भी ट्रंप की सलाहकार समिति के रूप में काम करेगा। इसका पूरा फोकस ब्यूरोक्रेसी का क्लीनअप और बिना जरूरतों के खर्चों में कटौती करना होगा। मस्क और रामास्वामी औपचारिक रूप में सरकारी अधिकारी नहीं होंगे, लेकिन उनके दखल से सरकारी एजेंसियों को अपने काम में बदलाव लाना होगा।

Created On :   14 Nov 2024 4:14 PM IST

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