येचुरी का निधन: पूरे देश में 12वीं में अव्वल आने वाले पहले छात्र, इमरजेंसी में गिरफ्तार, ऐसा रहा सीताराम येचुरी का राजनीतिक सफर

पूरे देश में 12वीं में अव्वल आने वाले पहले छात्र, इमरजेंसी में गिरफ्तार, ऐसा रहा सीताराम येचुरी का राजनीतिक सफर
  • सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी का निधन
  • येचुरी का राजनीति में योगदान
  • कोविड में खोया था बेटा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस। राजनीति में उन्होंने कई सारे योगदान दिए हैं। उनका राजनीतिक कार्यकाल बहुत ही लंबा रहा है। साथ ही उन्होंने कई पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। राजनीति में ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने निजी जीवन में भी अपना रोल बखूबी निभाया है। वो जितने होनहार छात्र रहे उतने ही तेजतर्रार राजनेता भी रहे।

बुद्धदेव भटाचार्य को हॉस्पिटल से दी श्रद्धंजलि

येचुरी ने एम्स में भर्ती रहते हुए 22 अगस्त को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए वीडियो बनाया था। उन्होंने 6 मिनट 15 सेकेंड के वीडियो संदेश में कहा था, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे एम्स से ही बुद्धो दा के प्रति भावनाएं प्रकट करना और लाल सलाम कहना पड़ रहा है।'

येचुरी के योगदान

1975 में सीपीएम जॉइन की और येचुरी लगातार 3 बार महासचिव बने। 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए। एक साल बाद वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए। इमरजेंसी के बाद, उन्हें एक साल (1977-78) के दौरान तीन बार जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया। वह एसएफआई के पहले अध्यक्ष थे जो केरल या बंगाल से नहीं थे।

1975 में जेएनयू के स्टूडेंट रहते हुए इमरजेंसी में गिरफ्तार भी हुए।

येचुरी साल 1984 में सीपीआई(एम) की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए। जिसके बाद उन्होंने साल 1986 में एसएफआई छोड़ दी। इसके बाद वे 1992 में चौदहवीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। येचुरी जुलाई 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए भी चुने गए।

साथ ही उन्हें 19 अप्रैल 2015 को सीपीआई(एम) का पांचवां महासचिव चुना गया। अप्रैल 2018 में उन्हें फिर से सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में चुना गया। अप्रैल 2022 में येचुरी ने तीसरी बार सीपीआई(एम) के महासचिव का पद संभाला।

12वीं कक्षा में पूरे देश में पहली रैंक

सीताराम येचुरी ने 12वीं की परीक्षा में देश भर में पहली रैंक हासिल की थी। उनका जन्म 12 अगस्त, 1952 को चेन्नई में हुआ था। हालांकि, वे हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। वे साल 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने वहां प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएससी हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक एक हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बी ए (ऑनर्स) भी किया।

कोविड में खोया था बेटा

साल 2021 में 34 साल के बेटे की कोरोना से मौत हुई थी। येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं। येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी फाइनेंशिअली उनका भरण-पोषण करती हैं। उनकी पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी। इस शादी से उनकी एक बेटी और एक बेटा है। येचुरी के बेटे आशीष का 22 अप्रैल, 2021 को 34 साल की उम्र में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था।

Created On :   12 Sept 2024 11:52 AM GMT

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