कोर्ट पहुंचा मामला: चुनाव आयोग के अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया से केंद्र को दूर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
- केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस नेता
- चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से केंद्र को दूर रखने की अपील
- नियुक्ति के लिए जल्द हो सकती है बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाला है और चुनाव आयोग के दो शीर्ष पद खाली हैं। अरुप चंद्रा के रिटायरमेंट और अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही शेष हैं। केंद्र सरकार बहुत जल्द दो अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता जया ठाकुर केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने 2023 के फैसले को देखते हुए कोर्ट से केंद्र सरकार पर आयुक्तों की नियुक्ति से रोक लगाने की अपील की है। आपको बता दें कि सीईसी एक्ट 2023 की वैधता से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी तक लंबित है।
जया ठाकुर का मानना है कि 2023 का सीईसी एक्ट अनूप बरानवाल बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। जया ठाकुर ने इस कानून को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा के खिलाफ है।
क्या है सीईसी एक्ट 2023?
सीईसी एक्ट 2023 के जरिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल में बदलाव लाया गया। इस कानून के मुताबिक, प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता का पैनल मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ अन्य दो आयुक्तों की नियुक्ति कर सकता है। सीईसी एक्ट से पहले इस पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी शामिल थे जिसे इस नए कानून के जरिए बाहर कर दिया गया। सीईसी एक्ट पारित होने के बाद इसपर खूब विवाद हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, इसकी वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी तक लंबित है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले पर इसी साल जनवरी में प्रतिक्रिया मांगी हालांकि, कोर्ट ने इस एक्ट पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
नियुक्ति के लिए जल्द हो सकती है बैठक
जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में 13 और 14 मार्च को पैनल की बैठक हो सकती है। चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा 2 अन्य आयुक्त भी होते हैं। अरुप चंद्र के सेवानिवृत्त होने और अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दोनों ही पद खाली है। कुछ ही समय बाद लोकसभा चुनाव होने हैं जिसके चलते आयुक्तों की जल्द नियुक्ति होने की संभावना है। आम चुनाव से ठीक पहले अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 में समाप्त होने वाला था और इसके बाद वह अगले मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभालते लेकिन, उन्होंने बीच में ही इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं इस्तीफे का कारण मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ मतभेद बताया जा रहा है तो कहीं निजी कारणों के चलते पद छोड़ने का दावा किया जा रहा है।
Created On :   11 March 2024 12:01 PM IST