आलोचना और टिप्पणी: विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी से भड़क गया चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स

विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी से भड़क गया चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स
  • चीनी व्यापार को लेकर विदेश मंत्री की टिप्पणी
  • ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री की व्यक्तिगत तौर पर की आलोचनाएं
  • बढ़ते विवाद के चलते ग्लोबल टाइम्स ने अंग्रेजी वेबसाइट से हटाया लेख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की व्यापार को लेकर की गई टिप्पणी पर चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भड़क गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन से एक बार फिर चीन के साथ व्यापार पर टिप्पणी की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा भारत ने चीन के साथ व्यापार के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं, लेकिन मुद्दा यह है कि वह किन क्षेत्रों में चीन के साथ व्यापार करता है और किन शर्तों पर। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन के साथ व्यापार की बात को लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख लिखा, हालांकि बढ़ते विवाद के चलते लेख को हटा लिया गया।

विदेश मंत्री जयशंकर का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब चीन से व्यापार को लेकर इससे पहले दिए गए उनके बयान से हटकर है। आपको बता दें 31 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था कि पूरी दुनिया को चीन के साथ एक सामान्य प्रोब्लम है। भारतीय विदेश मंत्री ने तब कहा था, 'केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चीन को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर बहस जारी है। यूरोप में भी सुरक्षा आर्थिक समेत कई मामलों में बहस के केंद्र में चीन ही है।

निजी न्यूज चैनल ने आज तक ने लिखा है कि विदेश मंत्री ने तब कहा था कि कई देश सुरक्षा कारणों से अपने देश में चीनी निवेश की जांच करते हैं और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा था, 'चीन कई तरह से एक यूनिक समस्या है जैसे कि उसकी राजनीति और अर्थव्यवस्था अनोखी है। हम जब तक उसकी यूनिकनेस को समझने का प्रयास करेंगे तब तक हमारी नीति और फैसले गलत हो सकते हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने एस जयशंकर पर कई लेखों के माध्यम से व्यक्तिगत तौर पर आलोचनाएं की है। समाचार पत्र ने लिखा कि एस जयशंकर की टिप्पणियों से चीन के प्रति उनकी जलन और नफरत नजर आई। आज तक की खबर के मुताबिक ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत का विदेश मंत्री होने के नाते जयशंकर की नीतियां राष्ट्र नीति में नहीं है। चीन और भारत के बीच रिश्तों में आए सुधार से विदेश मंत्री डरे हुए हैं। ग्लोबल टाइम्स के लेख में सीमा लांघते हुए ये तक लिखा गया कि एस जयशंकर में न तो जवाहर लाल नेहरू की कूटनीति की नैतिकता है और न ही इंदिरा गांधी की कूटनीति का सदाचार है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने यह लेख अपनी अंग्रेजी वेबसाइट से हटा लिया था।

Created On :   10 Sept 2024 6:09 PM IST

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