'प्रोजेक्ट चीता' को लगा झटका: कूनो नेशनल पार्क में चीता 'शौर्य' की मौत, 7 चीते और 3 शावकों समेत अब तक कुल 10 ने तोड़ा दम
- भारत सरकार के 'प्रोजेक्ट चीता' को लेकर आई बुरी खबर
- एक और चीता ने तोड़ा दम
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में होगा मौत की वजह का खुलासा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अफ्रीकी चीतों को भारत में बसाने का महत्वाकांक्षी प्रयास 'प्रोजेक्ट चीता' को करारा झटका लगा है। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को एक और चीते की मौत हो गई है। लॉयन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर के मुताबिक, अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत लाए गए चीता 'शौर्य' ने दोपहर करीब सवा 3 बजे दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण का खुलासा होगा।
मॉनिटरिंग के दौरान अचेत हालत में मिला
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जंगल में चीतों की मॉनिटरिंग कर रही टीम ने सुबह करीब 11 बजे जब शौर्य को देखा। वह उस समय वो अचेत हालत में था। जिसके बाद टीम ने उसे ट्रैंकुलाइज कर सीपीआर दिया। जिससे कुछ देर बाद उसकी हालत में सुधार तो हुआ लेकिन वो काफी कमजोर हो गया था। इसके बाद दोपहर करीब सवा 3 बजे उसने दम तोड़ दिया। चीते की मौत कैसे हुई इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल सकेगा। बता दें कि कूनो में अब तक 7 चीते और 3 शावकों को मिलकर अब तक कुल 10 की मौत हो चुकी है। यहां प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया था। इनमें से 17 सितंबर को नमीबिया से 8 चीते जबकि इसके 6 महीने बाद फरवरी 2023 में 12 चीतों को साउथ अफ्रीका से लाया गया था। जानकारी के मुताबिक अब कूनों में 13 जीते और 4 शावक बचे हैं।
अब तक इन चीतों की हुई मौत
- सबसे पहले 26 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी में संक्रमण के चलते मौत हुई थी। इसके बाद साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की कार्डियक आर्टरी फेल होने 23 अप्रैल 2023 को मौत हो गई थी। फिर इसके कुछ दिनों बाद 9 मई 2023 को मादा चीता दक्षा ने दूसरे मेल चीते के साथ हुई हिंसक झड़प में दम तोड़ दिया।
- 23 मई 2023 को मादा चीता ज्वाला के एक शावक की भीषण गर्मी से मौत हो गई थी। इसके दो दिनों के बाद ही ज्वाला के दो और शावक भी ज्यादा गर्मी सहन न कर पाने के चलते ही मारे गए थे। बता दें कि ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था जिनमें से 3 की मौत हो गई है।
- 11 जुलाई 2023 को मेल चीता तेजस ने गर्दन में गहरा घाव होने के चलते दम तोड़ दिया था। वहीं तीन दिन बाद मेल चीता सूरज की मौत भी तेजस के जैसे ही गर्दन में गहरा घाव होने के चलते हुए। विशेषज्ञों के मुताबिक यह दोनों दूसरे चीतों से हुए हिंसक संघर्ष में बुरी तरह घायल हुए थे।
- इसके बाद अगले महिने 2 अगस्त को मादा चीता धात्री का शव मॉनिटिरिंग कर रही टीम को कूनो पार्क में मिला। इसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि धात्री की मौत इंफेक्शन की वजह से हुई थी।
Created On :   16 Jan 2024 6:58 PM IST