महाकोशल, विंध्य तथा बुदेलखंड में गिरा मावठा: बदला मौसम, अनाज को भारी नुकसान, खरीदी केन्द्रों पर खुले में पड़ी 500 करोड़ रुपये की धान भीगी

बदला मौसम, अनाज को भारी नुकसान, खरीदी केन्द्रों पर खुले में पड़ी 500 करोड़ रुपये की धान भीगी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। शनिवार को जबलपुर सहित महाकोशल, विंध्य तथा बुदेलखंड के सभी 8 जिलों में मावठा गिरा। अधिकांश स्थानों पर शुक्रवार रात करीब 2 बजे के बाद बारिश शुरू हुई जो शनिवार देर शाम तक जारी रही। इस दौरान जबलपुर में ओले भी गिरे, जिससे फसलों को नुकसान होने की आशंका है। बारिश से मंडियों सहित खरीदी केन्द्रों पर खुले में पड़ी करीब 500 करोड़ रूपये की धान भी गीली होने की खबर है। भीगने से कुल कितने क्विंटल धान खराब हुई है, इसका आकलन प्रशासन द्वारा शुरू करा दिया गया है। साथ ही मौसम को देखते हुए 30, 31 दिसम्बर तथा 1 जनवरी को खरीदी का काम स्थगित कर दिया गया है। खरीदी की अंतिम तिथि भी 20 से बढ़ाकर अब 23 जनवरी कर दी गई है।

शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा नुकसान

विंध्य के शहडोल संभाग में ही करीब 250 करोड़ रूपये की धान गीली हुई है। सबसे ज्यादा 6 लाख 25 हजार 225 क्विंटल धान संभागीय मुख्यालय शहडोल मे भीगी है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 143 करोड़ रुपये है। शहडोल से सटे उमरिया जिले के 42 उपार्जन केन्द्रों में परिवहन के लिए खुले में रखी 87 करोड़ 40 लाख रुपये कीमत की 38,001 मीट्रिक टन धान बारिश में गीली हुई है। शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में भी खुले में रखी 2 लाख 17 हजार क्ंिवटल धान के गीला होकर खराब होने का अंदेशा है।

जबलपुर में 4 दर्जन केन्द्रों पर धान भीगी

महाकोशल के जबलपुर व कटनी में ज्यादा नुकसान हुआ है। जबलपुर में गिरे करीब डेढ़ इंच पानी तथा ओलों की वजह से करीब 4 दर्जन खरीदी केन्द्रों पर खुले में रखी धान भीग गई। गोसलपुर के आधा दर्जन खरीदी केन्द्रों सहित बेलखाड़ू, पाटन कुंडम, सिहोरा व गांधीग्राम से भी खरीदी केन्द्रों पर खुले में पड़ी धान के खराब होने की खबर है। कटनी में करीब 10 करोड़ रूपये की एक लाख 22 हजार क्विंंटल धान गीली होने का अनुमान है। ढीमरखेड़ा के पंद्रह में से कई केन्द्र तो ऐसे रहे, जहां पर पानी निकालने के लिए मोटरपम्प का सहारा लेना पड़ा। बहोरीबंद, बड़वारा, बरही के केन्द्रों में भी एक जैसी ही स्थिति दिखाई दी। नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा ब्लॉक के भी कई केन्द्रों से धान गीली हो खराब होने का समाचार है।

यहां भी मंडराया खतरा

महाकोशल के बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडोरी तथा छिंदवाड़ा में बहुत अधिक बारिश तो नहींं हुई लेकिन हल्की रिमझिम ने ही होश उड़ा दिए हैं। दरअसल बालाघाट 185 केंद्रों पर 14 लाख 42 हजार क्विंटल धान खुले में रखी है। सिवनी में 67,550 मीट्रिक तो डिंडोरी में 60 हजार क्विंटल धान खुले में पड़ी है। यदि तेज बारिश हुई तो इसके खराब होने का खतरा बना हुआ है।

विंध्य में बारिश का रहा ज्यादा जोर

विंध्य में शनिवार को सर्वाधिक बारिश हुई। शनिवार देर शाम तक सबसे ज्यादा 4.2 इंच बारिश रीवा में तथा 2.2 इंच बारिश उमरिया में दर्ज हुई। जबलपुर में 1.2 इंच, नरसिंहपुर में 1.1 इंच, छिंदवाड़ा में 3.4 मिमी, मंडला में 2.4, डिंडोरी में 2.2 मिमी तथा सिवनी में 2.8 मिमी बारिश हुई। बुदेलखंड के सागर में 7 घंटे में 32 मिमी यानी एक इंच से अधिक बारिश होने से मौसम में ठंडक घुल गई। मंडी में खुले में रखा व्यापारियों का करीब 50 लाख रुपये का अनाज भी भीग गया। सागर से सटे दमोह में 17 मिमी बारिश हुई।

Created On :   28 Dec 2024 9:44 PM IST

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