बंगाल भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट का अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी, सीबीआई जांच पर रोक से इनकार

बंगाल भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट का अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी, सीबीआई जांच पर रोक से इनकार
Kolkata: Trinamool Congress General Secretary Abhishek Banerjee arrives to appear before CBI (Central Bureau of Investigation) in connection with the alleged teachers recruitment scam, in Kolkata on Saturday, May 20, 2023. (Photo: Kuntal Chakrabarty/IANS)
अदालत दखल देने की इच्छुक नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सीबीआई और ईडी को जांच की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और पी.एस. नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा कि जहां तक जांच का सवाल है, अदालत दखल देने की इच्छुक नहींहै। हालांकि पीठ ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पर 25 लाख रुपये का जुमार्ना लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में केवल यह कहा गया है कि यदि आप चाहें तो जांच करें और उस आदेश से जांच एजेंसी के पास स्वतंत्र रूप से जांच की शक्ति है। राजू ने कहा, वह शक्ति अबाध है और इसे छीना नहीं जा सकता है।

बनर्जी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल भाषण दे रहे थे और उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं था। भाषण में उन्होंने किसी जज का जिक्र नहीं किया। सिंघवी ने आगे तर्क दिया कि एक निर्देश दिया गया है कि उनकी जांच की जानी चाहिए और कहा कि वह आदेश में त्रुटियां बताएंगे।

पीठ ने कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को सूचीबद्ध करेगी और हर्जाने पर रोक लगाने पर सहमत हुई। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है। सिंघवी ने 22 मई को शीर्ष अदालत को बताया था कि बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था जबकि वह चुनाव प्रचार के लिए राज्य से बाहर गए हुए थे। उन्होंने मामले को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए अदालत से आग्रह किया था। पीठ शुक्रवार को मामले की जांच करने पर सहमत हुई थी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने 18 मई को उसी अदालत के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ के पिछले आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों को बनर्जी से पूछताछ करने का अधिकार दिया गया था।

न्यायमूर्ति सिन्हा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी को मामले के अभियुक्तों से पूछताछ करने का अधिकार भी दिया और युवा तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष को बाद के आरोपों के संबंध में निष्कासित कर दिया, जिसमें एजेंसियों पर मामले में बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया गया था। न्यायमूर्ति सिन्हा ने बनर्जी और घोष पर 25-25 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया।

मूल रूप से न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने केंद्रीय एजेंसियों को बनर्जी से पूछताछ करने का अधिकार दिया था। इसके बाद उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले से जुड़े केस जस्टिस अमृता सिन्हा की बेंच को ट्रांसफर कर दिए गए।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 May 2023 2:45 PM IST

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