अब अवॉर्ड लौटाना पड़ सकता है भारी! 31 सांसदों की समिति का सुझाव, अवॉर्ड देने से पहले ही ले ली जाए अंडरटेकिंग, हो सकता है बड़ा फैसला

अब अवॉर्ड लौटाना पड़ सकता है भारी! 31 सांसदों की समिति का सुझाव, अवॉर्ड देने से पहले ही ले ली जाए अंडरटेकिंग, हो सकता है बड़ा फैसला
  • अवॉर्ड वापसी गैंग पर नकेल कसने की तैयारी
  • संस्कृति मंत्रालय ने केंद्र सरकार से की सिफारिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में देखें तो अवार्ड वापसी का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। देश में अलग-अलग मुद्दों और विवादों के बीच अवॉर्ड को लौटाना आम हो चला है। कुछ दिन पहले ही मणिपुर के टॉप एथलीट्स ने सरकार को अवॉर्ड लौटाने की धमकी दी थी। एथलीट्स का कहना था कि, पिछले दो महीने से प्रदेश में आग लगी है और सरकार हाथ पर हाथ बांधे खड़ी है, अगर राज्य में हिंसा शांत नहीं हुई तो अपना अवॉर्ड भारत सरकार को लौटा दूंगा। कुछ महीने पहले ही भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद के खिलाफ देश के टॉप पहलवानों ने सड़कों पर मोर्चा खोल कर रखा था और अवॉर्ड को हरिद्वार के गंगा नदी में विसर्जित करने का निर्णय लिए था लेकिन समझाने के बाद पहलवानों ने ऐसा नहीं किया था। अब इसी को देखते हुए सरकार अवॉर्ड प्राप्तकर्ता से अंडरटेकिंग फॉर्म भरवा सकती है। इसके लिए संसदीय समिति ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है।

जानकारी के मुताबिक, संसदीय समिति ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड देखते हुए ये फैसला किया है। जिसका उद्देश्य अवॉर्ड को न लौटना बताया जा रहा है। संसदीय समिति की सिफारिश है कि, अगर कोई अवार्ड जीतता है तो सबसे पहले उस व्यक्ति विशेष से एक वचन पत्र लेना चाहिए और उसमें स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि वो कभी भी इस अवॉर्ड को वापस नहीं लौटाएंगे। संसदीय समिति ने अवॉर्ड को वापस सरकार को लौटाना पुरस्कार का अपमान माना है। साथ ही समिति का ये भी कहना है कि, अवॉर्ड वापसी की वजह से सीधा असर पुरस्कारों की साख पर पड़ता है जो काफी दुख की बात है।

पुरस्कार लौटाना विरोध का नया चलन- संसदीय समिति

केंद्र सरकार के पास संसदीय समिति ने सिफारिश करते हुए कहा है कि, कलाकार, खेल, राजनीति, लेखन आदि क्षेत्रों में दिए जाने वाले पुरस्कार काफी प्रतिष्ठित होते हैं। राजनीतिक भावना के इस तरह अवॉर्ड को लौटाना बेहद ही हैरान करने वाला होता है। समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि, अगर किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को अवॉर्ड देना है तो सबसे पहले उससे शपथ पत्र भरवाएं जाएं फिर उन्हें सम्मानित किया जाए। इसके अलावा जो व्यक्ति शपथ पत्र नहीं भरता है उसे अवॉर्ड न दिए जाएं। समिति ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है हमारा संविधान हर नागरिक को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, संविधान हर इंसान को विरोध-प्रदर्शन का भी आजादी देता है लेकिन पुरस्कार लौटाना विरोध का एक नया चलन बनता जा रहा है।

31 सांसदों की है समिति

संसदीय कमेटी की सिफारिश में कई मामलों का जिक्र किया गया है। जिनमें अवॉर्ड वापसी की बात उठी है। समिति ने साल 2015 में कर्नाटक के मशहूर लेखक कलबुर्गी की हत्या का भी जिक्र किया है। कमेटी ने कहा है कि, कैसे हत्या होने पर एक तबका अवॉर्ड लौटाने के लिए एक्टिव हो जाता है। इस तरह की घटना पर रोक लगाने के लिए सरकार को कोई व्यवस्था बनानी होगी ताकि इस तरह का प्रचलन न बढ़े। इस संसदीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसद शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी संसद की इस स्थाई समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद व वायएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी विजयसाय रेड्डी हैं।

Created On :   25 July 2023 4:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story