एससी पहुंचा मामला: नागरिक संशोधिन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी, सीएए पर तुरंत रोक लगाने की मांग
- सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ओवैसी
- क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग
- अब तक सीएए के खिलाफ 200 याचिका लंबित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2019 से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीएए का विरोध करते आ रहे हैं। हाल ही में अधिसूचना जारी कर सीएए को लागू करने का ऐलान किया गया था। जिसके कारण विरोध के स्वर एक बार फिर उजागर होने लगे। मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई है। नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट से सीएए पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
ओवैसी ने कोर्ट के सामने सीएए के अलावा एनआरसी का भी मुद्दा उठाया है। अपनी याचिका में उन्होंने सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। एआईएमआईएम चीफ ने सीएए और एनआरसी के गठजोड़ को अपवित्र बताते हुए याचिका में कहा है कि एनआरसी के जिरए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की योजना है। सीएए के बाद एनआरसी देश में एनआरसी लाए जाने पर भी ओवैसी ने चिंता जताई है। उन्होंने कोर्ट से सीएए पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है।
याचिका में कही ये बातें
सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में असदुद्दीन ओवैसी ने कई बातें कही है। एआईएमआईएम चीफ के मुताबिक, सीएए में कई बुराईयां व्याप्त है। यह नागरिकता प्रदान करने में होने वाली कमी तक ही सीमित नहीं है। उनका मानना है कि सीएए के जरिए एक समुदाय को नागरिकता देने से इंकार कर, उन लोगों के खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। याचिका में असदुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने तक किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम 1955 के संशोधित प्रावधान 2(1)(बी) का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाए।
'संविधान के खिलाफ है सीएए'
ओवैसी ने सीएए को संविधान के मूल भावना के खिलाफ बताया है। उन्होंने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह बात कही है। इसके अलावा उन्होंने याचिका में कहा कि सीएए आर्टिकल 14, 25 और 21 का उल्लंघन करता है इसीलिए इस कानून पर तत्काल रोक लगा दी जानी चाहिए। कुछ दिनों पहले ही सीएए लागू करने के लिए जारी अधिसूचना पर ओवैसी ने कहा था कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना गलत है। इसके अलावा एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद सांसद ने अधिसूचना के टाइमिंग (रमजान से ठीक पहले) पर भी सवाल उठाया था।
ऐसे 200 मामले लंबित
सीएए पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले भी कई याचिका दायर की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार है और 19 मार्च की तारीख तय की है। 2019 में सीएए के पास होने से लेकर अब तक इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगभग दो सौ याचिकाएं दायर की जा चुकी है। इन सभी याचिकाओं को कोर्ट ने अब तक पेंडिंग रखा था।
Created On :   16 March 2024 1:43 PM IST