आबकारी नीति मामला: दिल्ली चुनाव से पहले बढ़ी अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, उपराज्यपाल ने ED को दी पूर्व सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
- उपराज्यपाल ने पूर्व सीएम मे खिलाफ मुकदमा चालाने की दी मंजूरी
- मनी लॉन्ड्रिंग मामले ने फिर बढ़ाई केजरीवाल की मुश्किलें
- ईडी ने 5 दिसंबर को मांगी थी मंजूरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के प्रमुख और राजधानी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुकदमा चलाने का अप्रूवल दे दिया है। उन्होंने यह मंजूरी ईडी को दी है। दरअसल, ईडी ने 5 दिसंबर को केस चलाने के लिए मंजूरी की मांग की थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी लगातार इन आरोपों को खारिज करती आई है। पार्टी का कहना है कि अब तक की जांच में कुछ बरामद नहीं किया गया है। वहीं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि, यह सिर्फ और सिर्फ, अंबेडकर मुद्दे को भटकाने के लिए किया जा रहा है।
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मनीष सिसोदिया ने उठाए सवाल
इस मुद्दे पर अब आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि, "अगर एलजी विनय सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ईडी उस मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही? यह साफ है कि यह खबर झूठ और गुमराह करने वाली है। बाबासाहेब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी बंद करो और दिखाओ कहां है ईडी को मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी?"
केजरीवाल और सिसोदिया पर क्या हैं आरोप?
ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट में, ईडी ने केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया को एक्साइज शुल्क घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया ने साउथ लॉबी की मदद के लिए एक्साइज ड्यूटी नीति 2021-22 में बदलाव किए, जिसने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से "आप" ने 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में किया था।
Created On :   21 Dec 2024 4:17 PM IST