दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव में AAP का दिया साथ, जानें कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती कैसे?
- अगले साल फरवरी में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
- केजरीवाल को मिला अखिलेश यादव का साथ
- कांग्रेस को दिल्ली चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है। यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) अलग-अलग चुनाव लड़ रही है। इधर, इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दल कांग्रेस की घेराबंदी करने में लगी हुई है। वहीं, दूसरी तरह गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज चल रही है। इसके अलावा वे अरविंद केजरीवाल से नजदीकी भी बढ़ा रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल को बीजेपी और कांग्रेस दोनों के खिलाफ चुनावी मैदान में रणनीति बनानी पड़ रही है। इस बीच सोमवार को दिल्ली में केजरीवाल पार्टी द्वारा आयोजित 'महिला अदालत' कार्यक्रम में आखिलेश यादव पहुंचे। जहां दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी पहुंचीं। इस दौरान अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया कि वे दिल्ली में सपा केजरीवल और आम आदमी पार्टी के साथ हैं।
कांग्रेस को मिल रहा दोहरा झटका
अखिलेश यादव ने केजरीवाल के साथ मंच साझा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में महिला सुरक्षित नहीं है, तो हम कैसे मान लें कि देश उनके हाथ में सुरक्षित है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मणिपुर हालातों पर भी चर्चा की। अखिलेश ने कहा कि गृह मंत्रालय कोई काम नहीं कर रहा है। यह विभाग केवल नाम का है। दिल्ली से लेकर मणिपुर तक हाल खराब है। गृह विभाग को पता नहीं किस दुनिया का मंत्रालय है। जो देश की राजधानी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आप की सरकार ने दिल्ली में बेहतर काम किया है। जिसके चलते उसे दोबारा मौका मिलना चाहिए।
सपा ने दिल्ली चुनाव में आप का दिया साथ
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। तब पार्टी ने राज्य की 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें सभी सीटों पर पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। ऐसे में अखिलेश यादव इस बार भी दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। साथ ही, अखिलेश यादव ने केजरीवाल को अपना समर्थन भी दिया है। ऐसे में कांग्रेस के अखिलेश ने दोहरा झटका दिया है।
इधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। जिसका विरोध भी गठबंधन के लगभग सभी बड़े सहयोगी दल कर रहे हैं। ममता बनर्जी और लालू यादव से पहले ही कांग्रेस को झटका मिल चुका है। इस बीच अखिलेश यादव का दिल्ली में केजरीवाल की पैरवी करना सपा और कांग्रेस के बिगड़ रहे रिश्तों की ताजा झलक है।
Created On :   16 Dec 2024 5:54 PM IST