चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति: मीटिंग के बाद अधीर रंजन चौधरी का दावा, ज्ञानेश कुमार-सुखबीर संधू होंगे दो नए चुनाव आयुक्त
- चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बैठक
- अधीर रंजन चौधरी ने किया खुलासा
- ज्ञानेश कुमार-सुखबीर संधू होंगे नए चुनाव आयुक्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अब कुछ ही समय शेष है और तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में फिलहाल सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। अरुप चंद्रा के रिटायरमेंट और अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो चुनाव आयुक्तों को पद खाली है। इन दो पदों पर नियुक्ति के लिए आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें नए चुनाव आयुक्तों के नाम पर मुहर लग गया है। नियुक्ति के लिए जिम्मेदार पैनल के सदस्य और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन दो नामों का खुलासा भी किया। बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता ने रिटायर्ड अफसर ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के नाम तय होने की बात कही है।
6 लोगों की सूची में से तय हुए नाम
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि 6 लोगों की सूची में से ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का नाम तय हुआ है। उन्होंने सूची में शामिल अन्य 4 नामों का भी खुलासा किया। उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, सुधीर कुमार गंगाधर और इंदिवर पांडे का नाम भी 6 लोगों की सूची में शामिल था। मीडिया से बातचीत के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मैं और अर्जुन राम मेघवाल की अगुवाई वाली सर्च कमेटी के लोग थे। बैठक में शामिल होने से पहले ही मैंने एक छोटी लिस्ट मांगी थी। मैंने कहा था कि छोटी सूची सौंपी जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि चयन के पहले छोटी सूचियां बनती हैं। मैंने इसलिए वह लिस्ट मांगी थी। दिल्ली पहुंचते ही वह सूची मिल जाती तो उम्मीदवारों के बारे में मुझे जानकारी होती लेकिन वह मौका मुझे नहीं मिल सका।"
'सरकार के पास बहुमत है...'
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए गठित कमेटी में सरकार के पास पहले से ही बहुमत है इसीलिए सरकार जो चाहेगी वही होगा। उन्होंने सरकार की मंशा के हिसाब से चुनाव आयुक्त के चयन होने की बात कही। कांग्रेस नेता ने बताया कि उन्हें चुनाव आयुक्तों के लिए 212 नाम की सूची दी गई। कल रात वह दिल्ली आए और सुबह 12 बजे ही चयन वाली मीटिंग होनी थी जिस वजह से सभी नामों के बारे में जानकारी जुटा पाना या सोच-विचार कर पाना संभव नहीं था।
कोर्ट का रूख कर चुकी है कांग्रेस
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर कांग्रेस पार्टी सवाल खड़ी करती आ रही है। पिछले दिनों पार्टी नेता जया ठाकुर इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गई थी। कांग्रेस का मानना है कि सीईसी एक्ट के तहत नियुक्ति प्रक्रिया में किए गए बदलाव लोकतंत्र के खिलाफ हैं। आपको बता दें कि सीईसी एक्ट लागू होने के बाद नियुक्ति पैनल में बदलाव लाया गया जिसके तहत समिति में से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को निकाल दिया गया। नए प्रावधान के तहत पैनल में प्रधानमंत्री के अलावा एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इस तरह कमेटी में सरकार के पास ही बहुमत रहेगी और वह अपने इच्छानुसार नियुक्ति कर सकती है। चीफ जस्टिस की जगह पर सीईसी एक्ट के तहत केंद्रीय मंत्री को शामिल कर दिया गया है।
क्या है सीईसी एक्ट 2023?
सीईसी एक्ट 2023 के जरिए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल में बदलाव लाया गया। इस कानून के मुताबिक, प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता का पैनल मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ अन्य दो आयुक्तों की नियुक्ति कर सकता है। सीईसी एक्ट से पहले इस पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी शामिल थे जिसे इस नए कानून के जरिए बाहर कर दिया गया। सीईसी एक्ट पारित होने के बाद इसपर खूब विवाद हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, इसकी वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी तक लंबित है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले पर इसी साल जनवरी में प्रतिक्रिया मांगी हालांकि, कोर्ट ने इस एक्ट पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
Created On :   14 March 2024 4:19 PM IST