Share Market: शेयर बाजार में Sensex और Nifty का क्या है मतलब? आपके लिए इसे जानना क्यों जरूरी है?
- शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक हैं सेंसेक्स और निफ्टी
- बाजार की दिशा को पहचानने में मदद करते हैं सूचकांक
- निवेश निर्णय में करता है मदद करते हैं सूचकांक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। हमारे देश में जब भी शेयर बाजार की चर्चा होती है, तो दो शब्द बार-बार सुनने को मिलते हैं– सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty)। इन दोनों के नाम सुनते ही हमारे दिमाग में शायद सिर्फ बड़े इन्वेस्टर का ख्याल आता है। हमें ऐसा लगता है कि, ये सिर्फ शेयर बाजार से जुड़े लोग ही समझ सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी जानकारी सिर्फ इन्वेस्टर्स के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। सेंसेक्स और निफ्टी भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक (key index) हैं, जिनसे हम बाजार की स्थिति को समझ सकते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी के बीच के अंतर, इनके उपयोग और इनकी अहमियत को जानकर आप भी शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ बना सकते हैं। यहां हम इन दोनों के बीच के अंतर को समझने के साथ-साथ ये भी जानेंगे कि ये कैसे काम करते हैं और इनकी अहमियत क्यों है। इनका जानना आपको सिर्फ निवेश (investment) से जुड़ी जानकारी नहीं, बल्कि भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था के बारे में भी समझने में मदद करता है।
सूचकांक (indicator) क्या है?
Sensex और Nifty के बारे में जाननें से पहले हमें 'सूचकांक' का मतलब समझना होगा। शेयर बाजार सूचकांक, जिसे अक्सर 'स्टॉक इंडेक्स' के नाम से जाना जाता है एक सांख्यिकीय मीट्रिक (statistical metric) है, जो बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव को मापता है। इसका सीधा सा मतलब है कि, किसी भी शेयर बाजार सूचकांक की सफलता सूचकांक के घटक शेयरों (constituent shares) के प्रदर्शन के अनुपात (performance ratio) में होती है। आम शब्दों में कहें तो अगर किसी सूचकांक में शेयरों की कीमतें बढ़ती हैं, तो तमाम सूचकांक भी बढ़ता है।
सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?
Sensex और Nifty दोनों ही भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक (key index) हैं, जिनसे हम भारतीय शेयर बाजार की स्थिति के बारे में जान सकते हैं। ये हमें बाजार में हो रहे डेली के उतार-चढ़ाव के बारें में बताता है।
सेंसेक्स (Sensex)
ये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है। सेंसेक्स 'सेंसेटिव और इंडेक्स' इन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसे साल 1986 में लॉन्च किया गया था। इसमें कुल 30 मेजर कंपनियों के शेयर होते हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के बड़े और महत्वपूर्ण क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अगर सेंसेक्स बढ़ता है तो इसका मतलब है कि, भारतीय शेयर बाजार अच्छा कर रहा है। वहीं, जब सेंसेक्स गिरता है तो ये संकेत होता है कि, शेयर बाजार में गिरावट आ रही है। साथ ही, सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है।
निफ्टी (Nifty)
निफ्टी, जिसे Nifty 50 के नाम से भी जाना जाता है, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक है। ये 'नेशनल' और 'फिफ्टी' इन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसे साल 1996 में लॉन्च किया गया था। इसमें 50 कंपनियों के शेयर होते हैं, जिनका प्रदर्शन बाजार के बारे में जानकारी देता है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती हैं, जो अलग-अलग उद्योगों में काम करती हैं। ये इन्वेस्टर और विश्लेषकों को मार्केट के परफॉर्मेंस का ओवरव्यू प्रदान करता है और बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है। निफ्टी, बीएसई (BSE) की तुलना में ज्यादा डाइवर्सिफाइड होता है और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है।
सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?
अब, जबकि हम ये जान चुके हैं कि, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही शेयर बाजार के मापदंड (yard stick) हैं, तो अब इनके बीच के अंतर को भी समझना जरूरी है।
1. सेंसेक्स को BSE (Bombay Stock Exchange) द्वारा संचालित किया जाता है, जबकि Nifty 50, NSE (National Stock Exchange) द्वारा संचालित किया जाता है।
2. सेंसेक्स में 30 कंपनियों के शेयर होते हैं, जबकि निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल हैं। इसका मतलब है कि, Nifty में अधिक कंपनियां हैं और ये बाजार की स्थिति को थोड़ी व्यापक तरीके से दिखाता है।
3. निफ्टी का बेस इंडेक्स वैल्यू 1000 है, जबकि सेंसेक्स का बेस इंडेक्स वैल्यू 100 है।
सेंसेक्स और निफ्टी कैसे उपयोग होते हैं?
बाजार की दिशा की पहचान
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों बाजार की दिशा और प्रदर्शन को दर्शाते हैं। अगर इन दोनों इंडेक्स में बढ़ोतरी हो रही है तो इसका मतलब है कि, आम तौर पर बाजार में उछाल है। इसके उलट, अगर ये गिर रहे हैं तो बाजार में मंदी का संकेत होता है। ये निवेशकों को उनके निवेश के बारे में निर्णय लेने में मदद करता है।
इंडेक्स फंड (index funds) और ईटीएफ (ETFs)
कई निवेशक इंडेक्स फंड (index funds) और ETFs (Exchange Traded Funds) में निवेश करते हैं, जो सेंसेक्स और निफ्टी के प्रदर्शन पर आधारित होते हैं। ऐसे फंड्स उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो इन इंडेक्स में शामिल होती हैं। ये एक सुरक्षित और सरल निवेश विकल्प होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो बाजार के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।
आर्थिक विकास (economic development) का संकेत
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को दिखाते हैं। जब ये इंडेक्स बढ़ते हैं तो इसका मतलब है कि, भारतीय कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। ये पूरे देश की आर्थिक स्थिति को दिखाता है। इसलिए, इससे जुड़ी जानकारियों को पढ़ने से आपको भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
हमारे लिए इसे जानना क्यों जरूरी है?
आजकल की तेजी से बदलती दुनिया में, जहां हर कोई निवेश करने की सोचता है, सेंसेक्स और निफ्टी को समझना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है। सेंसेक्स और निफ्टी की जानकारी हमें कई तरह से मदद करता है। जैसे-
निवेश निर्णय (investment decision) में मदद
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में जानकारी आपको सही निर्णय लेने में मदद करती है। इनकी दिशा के मुताबिक आप समझ सकते हैं कि, बाजार में निवेश करने का सही समय कब है।
सामान्य आर्थिक स्थिति (general economic situation) का अंदाजा
अगर सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट हो रही है तो ये एक इशारा हो सकता है कि, बाजार में मंदी का दौर है। ऐसे में आप अपनी निवेश योजना को फिर से देख सकते हैं और सतर्क रह सकते हैं।
वित्तीय प्रबंधन (financial management) में मदद
इन दोनों इंडेक्स का ट्रैक रखना आपको अपनी वित्तीय योजना बनाने में मदद करता है। यदि बाजार ऊपर जा रहा है, तो आप अधिक निवेश कर सकते हैं। वहीं अगर इसमें गिरावट है, तो आप अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठा सकते हैं।
Created On :   17 Dec 2024 5:01 PM IST