चाइना की देन है शहतूत, होता है विटामिन के से भरपूर, और भी कई फायदे हैं
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मलबरी या शहतूत एक फ्रूट है जो पर्पल- पिंक कलर का होता है। वैसे तो यह चाइना की देन है लेकिन इसकी खेती और भी जगहों पर भी की जाती है। भारत में यह कर्नाटक,आंध्र प्रदेश से लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब तक पाया जाता है। जगह के हिसाब से इसके स्वाद में थोड़ा बदलाव होता है। वैसे तो हर एक फ्रूट की अपनी खासियत होती है, लेकिन शहतूत का इतिहास काफी दिलचस्प है साथ ही इसके कईं फायदे भी हैं।
शहतूत का इतिहास
शहतूत की खेती पहले केवल रेशम यानि सिल्क के प्रॉडकश्न के लिए की जाती थी। रेशमकीट यानी सिलकवार्मस शहतूत के पत्तों पर खाना खाते थे और सिल्क प्रॉड्यूस करते हैं जिससे सिल्क बनता है। ऐसा करने की शुरुवात चाइना से हुई थी, इसलिए शहतूत को चाइना की देन भी कहा जा सकता है।
फायदे
शहतूत के कई फायदे होते हैं, यह आपको कई बीमारियों से बचाता है, साथ ही आपके स्किन के लिए भी लाभदायक होता है। शहतूत के कुछ फायदे-
1. यह फल कैंसर के जोखिम को कम करता है।
2. इसके सेवन से आप शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल कर सकते हैं।
3. शहतूत विटामिन और पोटैशियम से रिच होता है। इससे आपकी इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।
4. इसमें एंटीऑक्सीडेंटड तत्व होते हैं जो बालों और स्किन के लिए फायदेमंद होते है।
इंट्रेस्टिंग फेक्टस
शहतूत के इतिहास और फायदे के साथ ही इससे जुड़े और भी कई पहलू हैं जो काफी रोचक हैं-
1. जैसे कि फायदे में बताया कि यह कई बीमारियों से बचने में मदद करता है। एंसीएन्ट रोमन इसके पत्तो को मुंह, श्वासनली और फेफड़ों का इलाज करने के लिए यूज करते थे।
2. शहतूत विटामिन सी, ए, ई और के साथ ही पोटेशियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व से भरपूर है।
3. शहतूत पेड़ पर फल आने में काफी समय लगता है, खेती करने के 10 साल बाद इसमें फल आना शुरू होते हैं।
4. जगह के हिसाब से इसके स्वाद और रंग में थोड़ा बदलाव होता है।
Created On :   2 July 2022 5:23 PM IST