जानिए क्या है नेक्रोफिलिया? जिसमें लाशों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी नहीं पीछे हटते दरिंदे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में पाकिस्तान से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटनासामना आई है। यहां हालात ऐसे हो चुके हैं कि परिवारवालें अपनी महिलाओं की कब्र पर ताला लगाने को मजबूर हो गए हैं क्योंकि देश में नेक्रोफिलिया यानी मरे हुए लोगों के साथ यौन संबंध बनाने के मामले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल, नेक्रोफीलिया एक तरह की मानसिक अवस्था है जिसमें जीवित व्यक्तियों को किसी शव के साथ यौन संबंध बनाने से गुरेज नहीं करते। लेकिन इस दौरान एक बात जो सोचने पर मजबूर कर रही है, वह यह है कि कैसे कोई एक शव के साथ शारारिक संबंध बना सकता है? इस मानसिकता में आखिर ऐसा क्या होता है, जो लोग इस हद तक गिर जाते हैं। इन में से कुछ सवालों के जवाब हम आपके सामने लेकर आए हैं -
क्या है नेक्रोफिलिया?
नेक्रोफिलिया शब्द ग्रीक के नेक्रो और फीलिया शब्द से लिया गया हैं। नेक्रो का मतलब होता हैं शव और फीलिया का मतलब होता हैं प्यार, इसी तरह किसी भी व्यक्ति को शव के साथ शारीरिक संबंध करके अच्छा लगे उसे नेक्रोफिलिया कहते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति पहले लड़की या औरत की हत्या करता है, फिर उसकी लाश के साथ शारीरिक संबंध बनाता हैं। इस बीमारी में सबसे पहले अमेरिका के करेन मार्गरेट नाम के व्यक्ति को दोषी ठहराया गया था। नेक्रोफिलिया एक तरह की मानसिक बीमारी हैं, जिसमें बीमारी से ग्रसित व्यक्ति केवल लाश के साथ ही शारीरिक संबंध बनाना पसंद करता हैं। यह बीमारी ज्यादातर पुरूषों में पाई जाती हैं। नेक्रोफिलिया को नेक्रोफिलिज्म, नेक्रोलाग्निया, नेक्रोकाइटस, नेक्रोक्लेसिस और थानाटोफिलिया के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी को मनोचिकित्सक (Psychiatrist) डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर कहते हैं।
नेक्रोफिलिया का इतिहास
साल 1948 में कैलिफोर्निया के बरबैंक में जन्मा एडमंड एमिल केम्पर एक सीरियल किलर था। जिसने कुल 10 लोगो की हत्या की और उनकी लाश के साथ शारीरिक संबंध बनाए। अपराधी के 10 लोगों की हत्या में अपराधी की मां क्लारनेल भी शामिल थी। 21 साल की उम्र में मनोचिकित्सकों द्वारा समझाने के बाद उनका पुनर्वास (Rehabilitation) किया गया।
केम्पर को कथित तौर पर उनके भविष्य के पीड़ितों द्वारा गैर-धमकी देने वाला माना गया। वह अपना निशाना ज्यादातर युवा महिलाओं को ही बनाता था। सबसे पहले वह उन्हें बहला-फुसलाकर अपनी गाड़ी में बिठाता। उसके बाद एकांत इलाकों में ले जाकर उनकी हत्या कर देता और फिर उनकी लाशों के साथ शारीरिक संबंध बनाता था।
इसी के साथ साल 1950 में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में जन्मा रिचर्ड ट्रेंटन चेस भी एक सीरियल किलर था। जिसने एक महीने के अंदर छह लोगों की हत्या कर दी थी। वह लोगो की हत्या करने के बाद उनका खून पी लेता था इसलिए उसे द वैंम्पायर का नाम दिया गया था। इसके बाद ऐसी ही कई मानसिक बीमारियों से ग्रसित लोग पाए गए थे।
यह मानसिक बीमारी कैसे ठीक होगी
इस बीमारी के उपचार के लिए इस बीमारी के ग्रसित व्यक्ति को ऐसे ही ट्रीट किया जाता हैं जैसे सभी मानसीक बीमारी वाले लोगों को, क्योंकि अभी तक यह मानसिक बीमारी ज्यादा लोगों में नहीं पाई गई हैं इसलिए अभी तक इसका कोई प्रभावी उपचार सामने नहीं आया हैं।
Created On :   29 April 2023 11:45 PM IST