बड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह

Fewer respiratory particles flow when singing and speaking in children than in adults
बड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह
वैज्ञानिक शोध बड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह
हाईलाइट
  • बड़ों की तुलना में बच्चों में गाते और बोलते समय कम श्वास कणों का प्रवाह

डिजिटल डेस्क, लंदन। वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि बड़ों की तुलना में बच्चे गाते, बोलते और सांस छोड़ते समय एक चौथाई कम एयरोसोल वायु में प्रवाहित करते हैं। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह शोध जर्नल ऑफ रॉयल सोसायटी इंटरफेस में प्रकाशित हुआ है और इससे स्कूलों में जोखिम प्रबंधन में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

इस शोध में जर्मनी के शोधकर्ताओं ने 15 बच्चों और 15 व्यस्कों की बोलते , गाते और सांस छोड़ने की दर मापी और इस दौरान निकलने वाले सूक्ष्म अणुओं यानि एयरोसोल्स की सीमा का पता लगाया। इसमें पाया गया है कि बच्चों में इनकी रफ्तार और मात्रा व्यस्कों की तुलना में काफी कम पाई गई थी।

उन्होंने बताया कि इस अध्ययन से एक बात साबित होती है कि स्कूल संबंधी कोई भी श्वास नीति बनाते समय इन मानकों का ध्यान रखना होगा क्योंकि कोई भी मानक बच्चों बौर व्यस्कों पर समान रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। इसका एक कारण यह भी है कि बच्चों के फेंफड़े,श्वास नलिका और अन्य श्वसन अंग व्यस्कों की तुलना में काफी छोटे होते हेैं और यही कारण है कि बच्चों में बड़ों की तुलना में वायरल लोड बहुत कम होता है। एक और बात यह भी साबित हुई है कि ऐसे बच्चे कम एयरोसोल्स वायु में प्रवाहित करते हैं और उनके संपर्क में आने वाले लोग अधिक बीमार नहीं होते हैं।

आईएएनएस

Created On :   28 Feb 2022 4:00 PM IST

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