बांग्लादेश हिंसा मामला: बांग्लादेश पर लगाए गए आरोपों पर भड़की बांग्लादेश की सरकार, यूनुस ने कहा हमलों के बारे में दी जा रही गलत जानकारी
- बांग्लादेश पर लगाए गए आरोपों पर बांग्लादेश ने दिया जवाब
- मिली हुई घटना की जानकारी पर चल रही जांच- बांग्लादेश सरकार
- मोहम्मद यूनुस ने किया लोगों से अनुरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय पर सवाल उठाया है। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय के उन आंकड़ों पर सवाल उठाया है, जिसमें हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बात कही थी। बांग्लादेश का कहना है कि, 'विदेश मंत्रालय ने आज बताया कि बांग्लादेश में साल 2022 में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की 47 घटनाएं थीं। वहीं ये बढ़कर, साल 2023 में 302 और 2024 में 22 सौ थी। ये आंकड़े भ्रामक और काफी चिंताजनक हैं। स्वतंत्र मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलिश केंद्र के मुताबिक, साल 2024 में जनवरी और नवंबर के बीच बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक घटना की संख्या 138 है। जिसमें से करीब 368 घरों पर हमला हुआ था, जिसमें 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।'
बांग्लादेश में बढ़ रही हिंसा
बांग्लादेश का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब बांग्लादेश में मैमनसिंह और दिनाजपुर के तीन मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ दिया था। बता दें, दिनाजपुर के मैमनसिंह में 8 मूर्तियां तोड़ी गईं, तो वहीं मैमनसिंह के हलुआघाट उपजिले में बीते दो दिनों में दो मंदिरों में घुसकर तीन मूर्तियों को तोड़ा गया।
बांग्लादेश की क्या हैं दलीलें?
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को मिली हर घटना की जांच चल रही है। साथ ही अपराधियों को सजा दिलाने के लिए भी काम हो रहा है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, 4 अगस्त से लेकर 10 दिसंबर के बीच करीब 100 मामले दर्ज हुए हैं। अगस्त से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों के लिए 75 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यूनुस सरकार का क्या है कहना?
यूनुस सरकार ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इसमें से कई सारी घटनाएं 5 अगस्त से लेकर 8 अगस्त के बीच हुई है। उस समय कोई भी सरकार नहीं थी। इसमें से अधिकांश हमले राजनीतिक प्रकृति के थे।
इसके अलावा उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा है कि, हमारा सभी से अनुरोध है कि वे इस तरह के अपराधों के बारे में जानकारी देने से परहेज करें।
Created On :   21 Dec 2024 5:00 PM IST