वैगनर ग्रुप: पतन की ओर बढ़ रहा वैगनर ग्रुप, ब्रिटेन ने करार दिया आतंकी संगठन, पुतिन से भी नहीं मिल रहा सहारा
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- प्रिगोझिन की मौत के बाद पतन की ओर बढ़ा रहा वैगनर ग्रुप
- ब्रिटेन ने करार दिया आतंकी संगठन
- पुतिन से भी नहीं मिल रहा सहारा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस की निजी आर्मी सेना वैगनर ग्रुप को ब्रिटेन से तगड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन ने इस ग्रुप को आतंकी संगठन करार दिया है। बीते कुछ दिनों पहले ही वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में मौत हुई थी। एक समय वैगनर ग्रुप और उसके प्रमुख प्रिगोझिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बेहद करीबी हुआ करता था। यूक्रेन की खिलाफ लड़ाई में यह प्राइवेट आर्मी ग्रुप ने पुतिन का खूब साथ दिया था।
लेकिन, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के दौरान रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से कम हथियार सप्लाई होने के बाद प्रिगोझिन ने पुतिन के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया। हालांकि, बाद में वह रूस के सामने जल्द ही झुक गया था और माफी मांग ली थी। ऐसे में प्रिगोझिन और उसके ग्रुप की ओर से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही उन्हें बगावत की माफी मिल जाएगी। लेकिन इसी बीच ही प्रिगोझिन की विमान हादसे में मौत हो गई।
2014 में वैगनर ग्रुप ने बटोरी सुर्खियां
रूस के भाड़े के सैनिकों वाले वैगनर ग्रुप को पीएमसी वैगनर के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रुप रूसी सेना में एक अर्धसैनिक संगठन है। इसमें भाड़े के सैनिक को रखा जाता है। साथ ही, इस ग्रुप पर रूस का कानून लागू नहीं होता है। अपने शुरुआती समय में यह ग्रुप छिपे तौर पर काम करता था। साल 2014 की बात है जब यह ग्रुप पहली बार पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरने लगा। तब यह ग्रुप रूस के लिए यूक्रेन अभियान का एक अहम हिस्सा हुआ करता था।
इस ग्रुप के बलबूते ही रूस ने यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत पर कब्जा किया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस ग्रुप में सैनिकों की संख्या कितनी होती है, यह किसी को पत्ता नहीं है। मीडिया में भी इसे लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। इस ग्रुप का नाम रूसी सेना के विशेष बलों से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल दिमत्री के निकनेम वैगनर पड़ा है। दिमित्री वैगनर ग्रुप के पहले कमांडर थे।
प्रिगोजिन के रेस्टोरेंट में खाना खाते थे पुतिन
वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म साल 1961 में लेनिनग्राड (अब सेंट पीट्सबर्ग) में हुआ था। साल 1981 में प्रिगोझिन को 13 साल की सजा सुनाई गई थी। इस दौरान प्रिगोझिन पर मारपीट और धोखाधड़ी के साथ डकैती के भी दोष लगे थे। सोवियत यूनियन के पतन के बाद प्रिगोझिन 9 साल की सजा काटकर रिहा हुआ।
जेल से बाहर आने के बाद प्रिगोझिन ने हॉट डॉग का स्टॉल लगाया। इसके बाद वह एक रेस्टोरेंट खोला। इस कारोबार ने प्रिगोझिन को रूस में मशहूर कर दिया। उसके यहां रूस के राष्ट्रपति भी खाना खाने जाया करते थे। यहां प्रिगोझिन पुतिन से पहली बार मिले और इसके बाद उसने अपना बिजनेस बढ़ाना शुरू कर दिया। बाद में प्रिगोझिन ने एक प्राइवेट आर्मी का गठन किया, जिसे वैगनर ग्रुप नाम दिया गया। धीरे-धीरे इस ग्रुप में सेना से रिटायर्ड अधिकारी और सैनिकों को शामिल किया गया।
पतन की ओर वैगनर ग्रुप
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के दौरान प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से कम हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया। इस दौरान प्रिगोझिन ने रूसी नेताओ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई। इसके बावजूद वैगनर ग्रुप रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखा।
गौरतलब है कि बागवत के पहले ही वैगनर ग्रुप के एक टुकड़ी पर मिसाइल से हमला हुआ था। इसके लिए प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद वैगनर ग्रुप ने खुद को नजरअंदाज किए जाने के बाद बागवत कर दिया। ऐसे में ब्रिटेन के द्वारा इस ग्रुप को आतंकी संगठन करार दिया जाना इसके पतन की ओर इशारा करता है, क्योंकि अब पुतिन भी इस निजी आर्मी ग्रुप को लेकर उतनी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
Created On :   15 Sept 2023 11:37 PM IST