स्वतंत्रता संग्रामियों के 30% आरक्षण का विरोध: बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन, कई लोगों की मौत, भारतीय विदेश मंत्रालय ने हेल्पलाइन नबंर जारी किया

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन, कई लोगों की मौत, भारतीय विदेश मंत्रालय ने हेल्पलाइन नबंर जारी किया
  • भारतीय विदेश मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
  • प्रदर्शन के बीच 200 लोगों की मौत
  • छात्रों ने पीएम से बातचीत करने से किया इनकार
  • भारतीयों को बांग्लादेश यात्रा ना करने की सलाह दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का गुस्सा सड़कों पर खूब बवाल मचा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र लगातार प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं। छात्रों ने पीएम शेख हसीना से बात करने से मना कर दिया। छात्रों के भारी विरोध प्रदर्शनके बीच बांग्लादेश सरकार ने रविवार शाम छह बजे से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया है। खबरों के मुताबिक अलग अलग इलाकों में हिंसा के दौरान कई लोगों की जान चली गई। गृह मंत्रालय ने बीते दिन रविवार शाम छह बजे से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है। हसीना सरकार ने इंटरनेट की सुविधा को बंद कर दिया है। अभी भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के बीच हिंसा में 95 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

सतर्कता के तौर पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की मौजूदा संवेदनशील स्थिति को देखते हुए रविवार को एक बयान जारी कर भारतीयों से बांग्लादेश की यात्रा न करने को कहा है। साथ ही बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फ़ोन नंबर 8801958383679, 8801958383680, 8801937400591 के ज़रिए संपर्क में रहने की सलाह भी दी गई है। बांग्लादेश में भारत के सहायक उच्चायोग की तरफ से जारी एक सोशल मीडिया में पोस्ट कहा गया, सिलहट स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहें। किसी आपात स्थिति में +88-01313076402 पर संपर्क करें।

पीएम शेख हसीना ने प्रदर्शन के बीच हिंसा की खबरों के बीच अपने निजी आवास गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जो लोग प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वे छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि ऐसे लोगों को मजबूती से जवाब दें।’ बैठक में थल सेना, नौसंना, वायुसेना, पुलिस और सुरक्षा से जुड़े उच्च अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद रहे।

बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। आपको बता दें प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।

Created On :   5 Aug 2024 4:08 AM GMT

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