पीएम मिशुस्तीन यात्रा के बाद: वियतनाम की ब्रिक्स समूह में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए तैयार रूस

वियतनाम की ब्रिक्स समूह में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए तैयार रूस
  • वियतनाम को सता रही अमेरिका की चिंता
  • 2024 में वियतनाम की ब्रिक्स कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी
  • ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए सतर्क वियतनाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस ने वियतनाम के ब्रिक्स में शामिल होने के लिए तेजी दिखाई दी है। ये तेजी रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन की दो दिवसीय हनोई यात्रा के बाद और बढ़ी है। यात्रा के बाद इसे लेकर उनका संयुक्त बयान आया। जिसमें कहा गया कि रूस वियतनाम की ब्रिक्स समूह में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए तैयार है। रूस ने 2024 में वियतनाम की ब्रिक्स कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी का स्वागत किया है।

आपको बता दें कि 2009 में ब्रिक्स की स्थापना हुई थी। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। ब्रिक्स में शामिल होने के लिए सऊदी अरब को आमंत्रित किया गया है। जहां पिछले कुछ सालों में ब्रिक्स में कई अन्य देश भी शामिल हुए है। ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात, और सऊदी अरब को समूह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है, और कुछ अन्य देशों ने भी समूह का सदस्य बनने में रुचि दिखाई है।

रूस और वियतनाम ने मिशुस्तिन की यात्रा के दौरान परमाणु ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति दर्ज की। आपको बता दें रूस ने वियतनाम में एक राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा उद्योग स्थापित करने में भाग लेने की अपनी इच्छा जताई।

वियतनाम ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए सतर्क है, क्योंकि उसे डर सता रहा है कि यूएस इस संबंध में क्या सोचेगा और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं। वियतनाम को एक तरफ अपनी आर्थिक और रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए अमेरिका से समर्थन की आवश्यकता पड़ती है।

Created On :   16 Jan 2025 1:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story