चीन के लिए मुसीबतों का सिलसिला जारी, अब अनाज के लिए तरसा ड्रैगन!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था के बीच चीन की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। हाल ही में सामने आई इटली की एक वेबसाइट इनसाइडओवर की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन में खाने का संकट उभरने लगा है। उधर, ‘अल-नीनो’ भी ड्रैगन ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। चीनी मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले दिनों में देश के कई हिस्से ‘अल-नीनो’ से प्रभावित होंगे, जिसके चलते देश के दक्षिणी हिस्सों में भयंकर बाढ़ तो उत्तरी हिस्सों में सूखा देखने को मिल सकता है। ड्रैगन पहले से ही कोविड के दौरान लगाई गई 'जीरो पॉलिसी' के हटने के बाद ट्रैक पर लौटने की जद्दो-जेहद कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशकों में चीन की मुख्य फसल चावल के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। हाल ही में, यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि चीन में अल नीनो का प्रभाव 8 से 10 महीने तक रह सकता है और नॉर्दर्न हेमिस्फीयर की सर्दियों में यह धीरे-धीरे मजबूत होगा और पूरे देश में अपना प्रभाव दिखाएगा।
तापमान ने रिकॉर्ड स्तर छुआ
चीन के इमरजेंसी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने मई के आखिरी हफ्ते में यह चेतावनी दी थी कि देश के उत्तर-पूर्वी और उत्तरी हिस्से को भारी बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। यह क्षेत्र देश का शीर्ष अनाज उत्पादक हैं। फिलहाल, चीन के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित युन्नान लगातार सूखे का सामना कर रहा है। द ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन में औसतन 4.1 दिनों का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा है, जो 1961 के बाद से एक रिकॉर्ड है।
यू.एस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अनुसार, साल 2022 में चीन दुनिया में गेहूं का सबसे बड़ा आयातक रहा था। अगस्त 2022 में चीन ने 4.56 मिलियन टन चावल का आयात किया, जो साल दर साल बढ़ता जा रहा है। चीन के कृषि और ग्रामीण मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 2022 में 20.63 मिलियन टन मकई का आयात होने की उम्मीद है।
Created On :   6 July 2023 2:13 PM GMT