बांग्लादेश विजय दिवस: शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार प्रमुख पर किया हमला, कहा मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी

शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार प्रमुख पर किया हमला, कहा मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी
  • 16 दिसंबर को मनाया जाता है विजय दिवस
  • मोहम्मद यूनुस पर शेख हसीना ने हमला बोला
  • लोकतांत्रिक समूह का नेतृत्व करने का आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश आज यानि कि 16 दिसंबर 2024, सोमवार को 'विजय दिवस' (Vijay Diwas) मना रहा है। वहीं इस मौके पर बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) पर हमला बोला है। उन्होंने विजय दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को कहा कि, मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी नेता हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य उद्देश्य मुक्ति संग्राम की भावना और मुक्ति समर्थक ताकतों को दबाना था। यही नहीं हसीना ने यूनुस पर एक “अलोकतांत्रिक समूह” का नेतृत्व करने का भी आरोप लगाया, जिसकी लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।

आपको बता दें कि, हर साल 16 दिसंबर को बांग्लादेश और भारत के प्रतिनिधिमंडल विजय दिवस मनाते हैं। यह दिन 16 दिसंबर 1971 के युद्ध की याद में मनाया जाता है। 13 दिनों तक चले इस युद्ध के बाद तत्कालीन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी ने अपने 93,000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया था।

शेख हसीना ने क्या कहा?

विजय दिवस की पूर्व संध्या पर शेख हसीना ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्र विरोधी समूहों ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने मोहम्मद यूनुस पर अलोकतांत्रिक समूह का नेतृत्व करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा कि, बांग्लादेश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, जिसके बोझ के तले वहां के लोग दबे हुए हैं। लेकिन, चूंकि यह सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुनी गई, इसलिए फासीवादी यूनुस के नेतृत्व वाले इस अलोकतांत्रिक समूह की जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है।

अगस्त में बांग्लादेश में हुए थे बड़े प्रदर्शन

मालूम हो कि, बांग्लादेश में अगस्त 2024 में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे। ये प्रदर्शन घोर हिंसा में बदल गए थे, जिसमें 13 पुलिसकर्मियों समेत कम-से-कम 94 लोग मारे गए थे। इसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया और एक बड़े हिस्से में इंटरनेट बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की थीऔर लगातार जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और वहां से भाग कर भारत आ गई थीं। ऐसे में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे, जिसका नेतृत्व अब यूनुस कर रहे हैं।

अल्पसंख्यकों पर हमलों में तेजी

शेख हसीना के के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से कई अवामी लीग के नेता भारत में रह रहे हैं और इसी बीच बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय समेत अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इसको लेकर भारत ने चिंता जताई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पिछले सप्ताह ढाका का दौरा कर देश को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से संबंधित चिंताओं से अवगत कराया था।

Created On :   16 Dec 2024 10:57 AM IST

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