रूस का बड़ा दावा: रूसी वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, कैंसर की वैक्सीन बनाने का किया दावा, जानिए कैसे होगी उपलब्ध?
- कैंसर की वैक्सीन बनने का दावा
- रूस लेकर आया कैंसर की वैक्सीन
- अगले साल तक मुफ्त में की जाएगी उपलब्ध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से परेशान हैं। ऐसे में रूस ने दावा किया है कि, उसने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का तोड़ ढूंढ लिया है। ये दावा पूरी दुनिया के लिए ही एक राहत की खबर बन कर आया है। साथ ही रूस ने कहा है कि, उसने कैंसर वैक्सीन बना ली है जो सभी लोगों के लिए फ्री में उपलब्ध की जाएगी। बता दें, रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया था कि, उन्होंने कैंसर से लड़ने के लिए एक वैक्सीन का निर्माण कर लिया है। जिसको 2025 में कैंसर रोगियों को मुफ्त में लगाया जाएगा। रूस की समाचार एजेंसी के मुताबिक, रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के जनरल डायरेक्टर एंड्री काप्रिन ने एक रेडियो चैनल के जरिए उन्होंने वैक्सीन को लेकर जानकारी दी है।
रूस में कैंसर मरीज बढ़े
दुनिया की कई सारी जगहों पर कैंसर की परेशानी बढ़ रही है। साल 2022 में कैंसर मरीजों के 635 हजार से भी ज्यादा मामले दर्ज हुए थे। ऐसा कहा जाता है कि, रूस में कोलन, ब्रेस्ट और लंग्स कैंसर काफी ज्यादा आम हैं। कैंसर की वैक्सीन की मदद से इम्यून सिस्टम को सिखाना होता है कि वो उस मरीज के कैंसर से विशिष्ट प्रोटीन की पहचान करे और उन पर प्रभाव डाले। इसलिए, वैक्सीन एक मरीज के ट्यूमर से जीन से संबंधित सामग्री का इस्तेमाल करती है। जिसको आरएनए कहा जाता है।
व्लादिमीर पुतिन ने क्या कहा?
व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि, उनके देश के साइंटिस्ट्स कैंसर वैक्सीन को लेकर काम कर रहे हैं। जिसमें वो अंतिम चरण पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा था कि, 'हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण की बहुत ही ज्यादा करीब हैं।' इसके साथ ही और देशों में भी कैंसर की वैक्सीन को विकसित करने का काम शुरू हो गया है। इससे पहले मई में फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने चार मरीजों पर एक व्यक्तिगत वैक्सीन की टेस्टिंग भी की थी।
कैंसर के लिए वैक्सीन
वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, अभी ह्यूमन पेपिलोमावायरस यानी एचपीवी के खिलाफ छह लाइसेंस्ड वैक्सीन मौजूद हैं। जो कि सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ कई और कैंसर का कारण बनते हैं। इसके अलावा, हेपेटाइटिस बी के खिलाफ भी टीके हैं, जो कि लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं। साथ ही कोरोनावायरस महामारी के समय भी रूस ने कोविड-19 के लिए भी खुद का स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाई थी और कई देशों में भी बेचा गया था।
Created On :   18 Dec 2024 1:29 PM IST