रूस-यूक्रेन महायुद्ध: रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे बंधक सैनिकों को किया रिहा, सोशल मीडिया पर जेलेंस्की ने दी जानकारी

रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे बंधक सैनिकों को किया रिहा, सोशल मीडिया पर जेलेंस्की ने दी जानकारी
  • रूस-यूक्रेन के बीच सैनिकों का आदान-प्रदान
  • सोशल मीडिया पर जेलेंस्की ने शेयर की जानकारी
  • यूएई को किया मध्यस्थता के लिए धन्यवाद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच शनिवार को दोनों देशों के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। बता दें, दोनों देशों नें एक दूसरे के बंधी बनाए गए 230 सैनिकों को रिहा कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच 115-115 बंधी बनाए गए सैनिकों को रिहा किया गया है। इन दोनों देशों बीच हो रहे सैनिकों की आदान-प्रदान की मध्यस्थता संयुक्त अरब अमीरात कर रहा था। इस आदान-प्रदान की जानकारी देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वापस आए सैनिकों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि,'हमारे 115 और रक्षक आज घर लौट आए हैं। ये नेशनल गार्ड, सशस्त्र बल, नौसेना और राज्य सीमा रक्षक सेवा के योद्धा हैं। हम सभी को याद करते हैं। हम उनकी तलाश कर रहे हैं और उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मैं प्रत्येक इकाई का आभारी हूं जो हमारे एक्सचेंज फंड को भरती है। इससे रूसी कैद से हमारे सैन्य कर्मियों और नागरिकों की रिहाई में मदद मिलती है। मैं हमारे लोगों को घर वापस लाने के लिए हमारी टीम और भागीदारों, यूएई को धन्यवाद देता हूं।'

रूस के रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों के इस आदान-प्रदान पर कहा कि,"बातचीत के जरिए हमारे 115 रूसी जवान आज यूक्रेन के कैद से आजाद हो गए हैं, आजाद हुए हमारे सैनिक फिलहाल बेलारूस में रुके हुए हैं जहां पर उनका इलाज किया जा रहा है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो वह अपने वतन वापस आ जाएंगे।".

सातवीं बार हुआ सैनिकों का आदान-प्रदान

आपको बता दें, युद्ध शुरु होने के बाद से रूस और यूक्रेन के बीच यह सातवीं बार सैनिकों की अदला-बदली हुई है। दोनों ही देशों ने इस समझौते के लिए मध्यस्थता करने वाले यूएई का धन्यवाद किया है। यूएई ने इस पर बयान देते हुए कहा,"हमनें यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध बंधियों का सफल आदान-प्रदान करवाया है। यह यूक्रेन के युद्ध में हमलावर रुख अपनाने के बाद में पहला आदान-प्रदान था। दोनों ही देशों ने इस पर शांति पूर्वक तरिके से अमल किया है।"

इस आदान-प्रदान से पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन दौरे पर गए थे। पीएम मोदी ने यूक्रेन को चार भीष्म कैंप भेंट किए थे। यह एक पोर्टेबल अस्पताल है जिससे की वह युद्ध में घायल सैनिकों का इलाज कर सकें। पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत में कहा,"भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है और हमारा मानना है कि युद्ध से किसी भी मुद्दे का हल नहीं निकल सकता। हमें शांति के लिए बातचीत की टेबल पर आना ही होगा।" यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस से तेल खरिदे जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा,"भारत और

अन्य देश मिलकर अगर रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो रूस आसानी से कमजोर होकर बातचीत की टेबल पर आ जाएगा और यह युद्ध रुक जाएगा। पुतिन पीएम मोदी का सम्मान नहीं करते। क्योंकि जब पीएम मोदी मॉस्कों की यात्रा पर गए थे तो उसी समय रूसी सेना ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर हमला कर बच्चों को मार दिया था।"

Created On :   24 Aug 2024 6:10 PM GMT

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