सूडान में बायोलॉजिकल लैब पर कब्जे के बाद डब्ल्यूएचओ ने दी चेतवानी, देश में बढ़ते बायोलॉजिकल खतरे के बीच इस मिशन से भारतीयों की वापसी की कोशिशें तेज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच वहां के लड़ाकों ने देश की बायोलॉजिकल लैब पर कब्जा जमा लिया है। जिसको लेकर सूडान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सरकारों के माथे पर चिंताओं की लकीर खींच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को चेतावनी दी है कि सूडान में संघर्ष के बीच लड़ाकों ने पोलियो और खसरे सहित बीमारियों के नमूने रखने वाली एक केंद्रीय सार्वजनिक लैब पर कब्जा कर लिया है, जिससे बेहद खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सूडान में WHO की प्रतिनिधि सईद आबिद ने कहा कि कब्जे से बायोलॉजिकल रिस्क बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
मिशन कावेरी के तहत पहला जत्था सूडान से निकला
युद्ध से जूझ रहे सूडान से अब भारतीयों को सुरक्षित निकालने की कवायद तेज हो गई है। मिशन कावेरी के तहत मंगलवार को अफ्रीकी देश से पहला जत्था निकल चुका है, जिसमें 278 नागरिक शामिल हैं। वे पोर्ट सूडान से भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुमेधा में सऊदी अरब के जेद्दा जाने के लिए सवार हुए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे हुए भारतीयों का पहला जत्था ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से रवाना हो गया है। आईएनएस सुमेधा 278 लोगों को लेकर पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए निकल चुका है। इस दौरान उन्होंने पोर्ट सूडान में आईएनएस सुमेधा पर सवार भारतीयों की तस्वीरें भी शेयर कीं। उनमें से कुछ को वाहक पर भारतीय ध्वज लहराते हुए देखा गया। सूडान में फंसे भारतीय को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी 23 अप्रैल से शुरू हुआ है।
आईएनएस सुमेधा के अलावा सूडान की राजधानी खार्तूम में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना के दो विमानों को भेजा गया था। दरअसल, सूडान में 15 अप्रैल को मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच संघर्ष के बाद गृहयुद्ध छिड़ गया है, जिससे बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसमें एक भारतीय नागरिक सहित सैकड़ों लोग मारे गए।
Created On :   25 April 2023 5:10 PM IST