अमेरिका ने कहा- काबुल एयरपोर्ट पर मची अफरा-तफरी में 7 की मौत, UNSC में भारत ने अफगानी लोगों के हालातों पर चिंता जताई
- चीन ने कहा- अफगान लोगों के निर्णय लेने के अधिकार का सम्मान
- तालिबान के प्रवक्ता ने सभी राजनयिकों की सुरक्षा का अश्वासन दिया
- संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा- अफगानी लोग भय की स्थिति में रह रहे
डिजिटल डेस्क, काबुल। हजारों अफगान सोमवार को काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। कुछ लोग अपने देश पर तालिबान के कब्जे से इतने घबराए थे कि उन्होंने एक अमेरिकी सैन्य जेट को पकड़ लिया। इस दौरान 7 लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। कुछ वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें एयरपोर्ट पर मची भगदड़ और दो लोगों को एक अमेरिकी सैन्य विमान से मिड-एयर में गिरते हुए देखा जा सकता है। वहीं, समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों ने दो हथियारबंद लोगों को मार गिराया।
अमेरिकी अकाउंट में रखे अफगान भंडार तक तालिबान को पहुंच नहीं
वहीं अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि तालिबान को अमेरिकी अकाउंट में रखे गए किसी भी अफगान भंडार तक पहुंच प्रदान नहीं की जाएगी। अधिकारी के हवाले से कहा गया, "संयुक्त राज्य अमेरिका में सेंट्रल बैंक में रखी अफगान सरकार की कोई भ संपत्ति तालिबान को उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।" संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान फिर से आतंकवाद का बेस न बने।
अफगानी लोग लगातार भय की स्थिति में
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत, टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा कि अफगान पुरुष, महिलाएं और बच्चे लगातार भय की स्थिति में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान के एक पड़ोसी के रूप में, उसके लोगों के मित्र के रूप में, देश में मौजूदा स्थिति भारत में हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है।" राजदूत तिरुमूर्ति ने कहा कि मौजूदा संकट सामने आने से पहले, अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से प्रत्येक में भारत की विकास परियोजनाएं चल रही थीं। उन्होंने कहा, "हम संबंधित पक्षों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने, संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक और कांसुलर कर्मियों सहित सभी संबंधितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।" भारत अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है।
क्या कहा तालिबान के प्रवक्ता ने?
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, "हम सभी राजनयिकों, दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और चैरिटेबल वर्कर्स को आश्वस्त करते हैं, चाहे वे अंतर्राष्ट्रीय हों या राष्ट्रीय। इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान (IEA) की ओर से उन्हें कोई समस्या पैदा नहीं की जाएगी। उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाएगा।"
क्या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने?
चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि चीन "अफगान लोगों के अपने भविष्य के बारे में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के अधिकार का सम्मान करता है"। बयान में आगे कहा गया है, "चीन ने हमेशा से अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता का सम्मान किया है।" बयान में यह भी कहा गया है कि चीन "अफगानिस्तान के साथ अच्छे-पड़ोसी और मैत्रीपूर्ण सहयोग विकसित करना जारी रखेगा और अफगानिस्तान की शांति और संकल्प में कंस्ट्रक्टिव भूमिका निभाएगा।"
Created On :   16 Aug 2021 10:17 PM IST