रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर करना चाहती है अमेरिकी कांग्रेस
- कांग्रेस रूस को दंडित करने में अपनी भूमिका पर जोर देने की कोशिश कर रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन पर अपने आक्रमण के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हटाने का आह्वान करने वाला एक प्रस्ताव - जिसके लागू होने की लगभग कोई संभावना नहीं है, दोनों पार्टियों के अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों के बीच प्रसारित हो रहा है।
एक्सियोस ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब कांग्रेस रूस को दंडित करने में अपनी भूमिका पर जोर देने की कोशिश कर रही है। हाउस डेमोक्रेट के साथ समन्वय में हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य क्लाउडिया टेनी द्वारा प्रस्ताव का नेतृत्व किया जा रहा है। टेनी के कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
टेनी के चीफ ऑफ स्टाफ निक स्टीवर्ट ने एक्सियोस को बताया, यह स्पष्ट रूप से रूस को दूर करने का एक लंबा प्रयास है।
उन्होंने कहा, लेकिन, यह एक राजनयिक उपकरण (डिप्लोमेटिक टूल) है, जिसे हमें दबाव बढ़ाने और अलगाव को बढ़ाने के लिए करना है।
उन्होंने आगे कहा, यह एक तरह से एक मैसेजिंग बिल है, लेकिन यह हमारे राजनयिक समकक्षों को भी सशक्त बनाता है।
एक्सियोस ने बताया कि प्रस्ताव के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस को हटाने के लिए अपने चार्टर के अनुच्छेद 23 में संशोधन करने के लिए तत्काल प्रक्रियात्मक कार्रवाई करने को लेकर एक प्रयास है।
प्रस्ताव का तर्क है कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारियों और दायित्वों के विपरीत चलने की रूस की रणनीति को लेकर उसे घेरने के लिए है।
एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्यों को किसी भी संशोधन पर हस्ताक्षर करना होता है, जिससे रूस को इस तरह के कदम को रोकने की क्षमता मिलती है।
सुरक्षा परिषद पर रूस का वीटो भी उसे यूक्रेन पर उसके आक्रमण की निंदा करने या हस्तक्षेप करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के किसी भी प्रयास को अवरुद्ध करने की अनुमति देगा।
पश्चिम के लिए और सिरदर्द का कारण यह है कि संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत, वसीली नाबेंज्या, इस महीने पैनल के रोटेटिंग प्रेसिडेंट (बदलते रहने वाले अध्यक्ष) के रूप में कार्य कर रहे हैं।
एक्सियोस ने बताया कि वह ठीक उसी समय परिषद की एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिस समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर अपने आक्रमण की घोषणा की थी। इसके साथ ही पैनल में रूस की सदस्यता की आलोचना शुरू हो गई थी।
(आईएएनएस)
Created On :   25 Feb 2022 6:30 PM IST