#HopeMarsMission: UAE का पहला मंगल मिशन 'HOPE' जापान से लॉन्च, फरवरी में कक्षा में प्रवेश की उम्मीद

United Arab Emirates launches its first mission to Mars Hope Mars Mission from Japan Tanegashima Space Center
#HopeMarsMission: UAE का पहला मंगल मिशन 'HOPE' जापान से लॉन्च, फरवरी में कक्षा में प्रवेश की उम्मीद
#HopeMarsMission: UAE का पहला मंगल मिशन 'HOPE' जापान से लॉन्च, फरवरी में कक्षा में प्रवेश की उम्मीद
हाईलाइट
  • दक्षिण जापान के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से किया गया प्रक्षेपित
  • संयुक्त अरब अमीरात का मंगल के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन लॉन्च

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अरब स्पेस मिशन ने सोमवार (20 जुलाई) को संयुक्त अरब अमीरात के पहले मार्स मिशन "होप" को लॉन्च कर दिया है। संयुक्त अरब अमीरात ने दक्षिण जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से मंगल पर अपना पहला ऐतिहासिक मिशन लॉन्च किया। इस मिशन को "होप" नाम दिया गया है। तनेगाशिमा स्पेसपोर्ट से एक H2A रॉकेट को लॉन्च किया गया है, जो कि अब ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए 500 मिलियन किलोमीटर की यात्रा पर है।

लॉन्चिंग के बाद रॉकेट निर्माता मित्सुबीशी हेवी इंडस्ट्रीज ने कहा, हमने H-IIA व्हीकल नंबर 42 (H-IIA F 42) से अमीरात मार्स मिशन (EMM) होप स्पेस क्रॉफ्ट को जापानी समयानुसार शाम 6.58.14 (रात 9.58, GMT) पर लॉन्च कर दिया। प्रक्षेपण के पांच मिनट बाद, रॉकेट अपनी उड़ान के पहले पृथक्करण को अंजाम दे रहा था। भारतीय समय अनुसार यह मिशन सुबह 3:28 पर लॉन्च हुआ।

हालांकि मौसम की वजह से इसमें देरी हुई। इससे दो सप्ताह पहले भी लॉन्चिंग के लिए प्रयास किए गए थे लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण लॉन्चिंग नहीं हो सकी थी। बीबीसी के अनुसार, होप के वापस आने का समय फरवरी 2021 में तय किया गया है, जो कि यूएई के गठन की 50 वीं वर्षगांठ के समय से मेल खाएगा।

होप की विज्ञान प्रमुख महामहिम सारा अल अमिरी ने रॉकेट को सफलतापूर्वक आकाश में जाते हुए देखने को बेहद उत्साहजनक और राहत भरा बताया। उन्होंने कहा, उनके देश पर इसका प्रभाव वैसा ही होगा जैसा अमेरिका में 51 साल पहले लोगों ने अपोलो 11 मून लैंडिंग की देखी थी। वह दिन भी 20 जुलाई का ही था।

उन्होंने बीबीसी को बताया, आज मुझे वास्तव में खुशी है कि अमीरात के बच्चे 20 जुलाई की सुबह अपने इस ऐंकर प्रोजेक्ट के लिए जागेंगे। यह नई वास्तविकता और नई संभावनाएं लेकर आएगा जो उन्हें दुनिया में आगे योगदान करने और इसे बड़ा बनाने की अनुमति देगा।

बता दें कि, यह यूएई के तीन मिशन में से पहला क्रॉफ्ट है जो मंगल पर जा रहा है। अमीरात के मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से यह एक है। इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं। ये उस मौके का फायदा उठा रहे हैं जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है।

यूएई के पास अंतरिक्ष यान के डिजाइन और निर्माण को लेकर सीमित अनुभव है। फिर भी इसे लेकर वह वो काम करने के प्रयास कर रहा है जो केवल अमेरिका, रूस, यूरोप और भारत ने किए हैं। जाहिर है यह अमीरात की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

Created On :   20 July 2020 9:13 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story